केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जलमार्ग विकास मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र की राजनीति पर इशारों में बड़ा बयान दिया है। एक समारोह में उन्होंने कहा कि राजनीति और क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है। कई बार आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन नतीजा उसके ठीक उलट होता है।
#WATCH “Anything can happen in cricket and politics. Sometimes you feel you are losing the match, but the result is exactly the opposite. Also, I have just arrived from Delhi, I don’t know the detailed politics of Maharashtra,”Union Min Nitin Gadkari on Maharashtra govt formation pic.twitter.com/JB6cfeMRok
— ANI (@ANI) November 14, 2019
इस बात को और विस्तार देने से कन्नी काटते हुए भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि वे अभी-अभी दिल्ली से आए हैं, और उनका दखल दिल्ली की राजनीति में ही अधिक रहता है, इसलिए वे यह नहीं बना सकते कि महाराष्ट्र में सरकार किसकी बनेगी। लेकिन उन्होंने साथ में यह भी आश्वासन दिया कि सरकार चाहे चारों बड़े दलों भाजपा, शिव सेना, कॉन्ग्रेस या एनसीपी में से किसी की भी बने, विकास कार्य बदस्तूर जारी रहेंगे। यह उन्होंने उस सवाल के जवाब में कहा जिसमें पूछा गया था कि अगर गैर-भाजपा सरकार राज्य की सत्ता में आई तो बड़े प्रोजेक्ट्स का क्या होगा।
Union Min Nitin Gadkari on being asked what will happen to ongoing infrastructure projects in Mumbai if Maharashtra gets a non-BJP govt:Govts change,but projects continue.I see no problem with it. Be it BJP,NCP or Congress,any party which forms govt will support positive policies pic.twitter.com/E35mybghxM
— ANI (@ANI) November 14, 2019
गौरतलब है कि शिवसेना ने विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली। युति सरकार बननी तय थी, लेकिन भाजपा के पास अपने दम पर बहुमत नहीं होने के कारण शिवसेना ढाई साल के लिए सीएम पद मॉंग रही थी। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार गठन न्योता दिया था, लेकिन वह समर्थन पत्र पेश नहीं कर पाई। अब शिवसेना, कॉन्ग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि गुरुवार को शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की संयुक्त बैठक हुई। इस दौरान कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा की गई। इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है। ड्राफ्ट तीनों पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजा जाएगा और वे आखिरी फैसला लेंगे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया गया है, इसके अनुसार शिवसेना अपने हिंदुत्व के एजेंडे से पीछे हटते हुए समुदाय विशेष को 5 फीसदी आरक्षण देने पर राजी है। साथ ही वह वीर सावरकर को भारत रत्न देने की अपनी मॉंग से भी पीछे हट गई है।
सियासी उठा-पठक के बीच शिवसेना विधायक दल में बगावत की खबरें भी सामने आ रही है। कुछ विधायकों ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि केवल मुख्यमंत्री पद के लिए उनके और पूरे पार्टी के भविष्य को क्यों दॉंव पर लगा दिया गया? मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मंगलवार और बुधवार की रात होटल में शिवसेना विधायकों के बीच गाली-गलौच तक हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर मंगलवार की रात उद्धव के बेटे विधायक आदित्य ठाकरे को होटल आना पड़ा। दोबारा से वैसे ही हालात पैदा होने पर बुधवार की रात खुद उद्धव होटल आने को मजबूर हो गए।