बिहार चुनावों के नतीजे आखिरकार हम सबके सामने हैं। मगर कुछ हस्तियाँ ऐसी भी हैं, जिन्होंने इस नतीजे को समय से पहले ही भाँप लिया था। ये हस्तियाँ तमाम एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और राजनीतिक गुरुओं को हमेशा ही हेय दृष्टि से देखती आई हैं। हम किसी और की नहीं बल्कि मशहूर पत्रकार और युगद्रष्टा बरखा दत्त की बात कर रहे हैं।
विश्वकप फुटबॉल मुकाबलों के नतीजे पहले ही बता देने वाले ‘पॉल दी ऑक्टोपस’ का नाम तो सबने सुना होगा मगर आज हम आपको एक स्वदेशी ‘पॉल दी ऑक्टोपस’ से मिलवा रहे हैं, जिन्हें कि ‘बरखा दी गोविंदा’ के नाम से जाना जाता है। पॉल दी ऑक्टोपस की ही तर्ज पर बरखा दत्त चुनावी खेल के नतीजों को मात्र अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर बता देती हैं। इन तस्वीरों में आगामी चुनाव में हार रहे प्रत्याशी की तस्वीर बरखा दत्त के साथ अपने-आप उभर आती है।
चुनाव चाहे संयुक्त राज्य अमेरिका में हों, उत्तर प्रदेश में हों, बिहार में हों, यूगांडा में हों, या किसी ऐसी आकाशगंगा में जिसका पता लगना अभी बाकी है, ऐसा कोई निर्वाचन क्षेत्र नहीं, जिसके प्रतिनिधि के साथ बरखा दत्त नजर आई और वो चुनाव जीता हो।
उदाहरण के तौर पर, हिलेरी क्लिंटन के साथ बरखा दत्त के नजर आने के बाद हिलेरी अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव हारी थी। 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले उर्मिला मातोंडकर ने कॉन्ग्रेस ज्वाइन की और तुरंत वो बरखा दत्त के साथ नजर आईं। हार ऐसी हुई कि आज उर्मिला ने कॉन्ग्रेस से ही नहीं, राजनीति से भी सन्यास ले लिया है।
उत्तर प्रदेश के टोंटी चोर की कुंडली में बरखा दत्त ऐसे स्थान में बैठी हैं कि उनका राहू ही अस्त हो गया और केतु भी फलदायी साबित नहीं हो पा रहा। जबकि स्वयं लालू प्रसाद यादव के साथ बरखा दत्त की एक दुर्लभ तस्वीर के बाद आज लालू की स्थिति जगजाहिर है।
ऐसा ही कुछ इस बार बिहार के विधानसभा चुनावों में भी हुआ। मानो, सौ प्रतिशत नतीजे देने वाली बरखा दत्त ने पहले ही तय कर लिया था कि सत्ता एनडीए को ही दिलानी है। बरखा दत्त नजर आई चारा चोर लालू के पुत्र तेजस्वी यादव के साथ।
बरखा दत्त की निशानदेही और कार्य कुशलता को देखिए, उन्होंने किसी और को नहीं बल्कि सीधे महागठबंधन के नेता और वाम-उदारवादियों के नए मसीहा को चुना, घात लगाकर उसका साक्षात्कार करने पहुँची और नतीजा आपके सामने है।
बरखा दत्त के जीवन से कुछ चुनिन्दा और सबसे बेहतरीन बात जो अपनाने लायक है, वो यह कि इसके लिए उन्होंने कभी राष्ट्रवादियों से किसी प्रकार के ट्रोल भत्ते की अपेक्षा नहीं की और एक तपस्वी की भांति वह कारसेवा कर भाजपा विरोधियों की ईंट से ईंट भी बजा रही हैं।
उनकी इसी अदा से खुश होकर ओवैसी को सूअर कहने वाले महान शायर मुनव्वर राणा ने भी कहा था-
“किसी को एग्जिट पोल मिला तो किसी के हिस्से EVM आई, मैं सबसे बकैत था, मेरे हिस्से बरखा आई।”
ऐसी ही एक तस्वीर में अब बरखा दत्त बंगाल की दीदी ममता बनर्जी के साथ नजर क्या आई कि अमित शाह ने बंगाल चुनावों के लिए रणनीति बनाने के फैसले को ही टाल दिया है। बिहार के बाद अब बंगाल चुनावों से पहले बरखा दत्त ने चुनाव नतीजों की घोषणा नहीं की बल्कि अपनी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल करवा दी।
राजनीतिक पंडितों ने इस तस्वीर को देखते ही बंगाल चुनाव के फैसले सुना दिए हैं। अब भाजपा समर्थक सड़कों पर नाच रहे हैं और पटाखों की छुच्छी में आग लगा रहे हैं। इसी बीच एक गुप्त सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बूँदी वाले लड्डू के थोक्व विक्रेता और मशहूर हारमोनियम वादक अजीत भारती को बूँदी के लड्डुओं का भी ऑर्डर दे दिया गया है।
सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर भी ‘वायरल’ होकर सामने आई है, जिसमें नरेंद्र भाई मोदी और योगी आदित्यनाथ ठहाके मारते देखे जा रहे हैं। लोग इसे ‘सुपा हॉट फायर’ का स्वदेशी मीम बता रहे हैं।
कहा जा रहा है कि यह तस्वीर मोदी जी और योगी जी के निजी मीटिंग की है, जब उन्होंने यह तस्वीर देखी तो स्वयं को रोक नहीं पाए। लेकिन कुछ दुष्ट लोग हैं जो इस तस्वीर को फोटोशॉप बता रहे हैं। ऐसे लोगों का नाम जुबैर और प्रतीक बताया जा रहा है।
होलसेल लड्डू विक्रेता अजीत भारती से जब हमने यह तस्वीर दिखा कर पूछा कि क्या वो छः महीने आगे का भी ऑर्डर लेते हैं? तो उन्होंने कहा, “देखिए, हमारे पास तो 2029 की मई का भी ऑर्डर पड़ा हुआ है और हमने केराव का बेसन मँगवा कर रख लिया है। तो छः महीने आगे का तो बिलकुल ले लेंगे।”
आगे हमने बात की कि क्या हमेशा भगवा रंग का ही लड्डू बनाते हैं? तो पूरे बेगूसराय में वर्ल्ड फेमस लड्डू दुकानदार श्री भारती ने कहा, “बनाने का तो हम हरे रंग का भी बनाते हैं, लेकिन कई बार सक्सेस नहीं हो पाता। लोग बियाना (अडवांस) दे कर पूरा पेमेंट नहीं करते। बारूद का लड्डू छोड़ कर हम हर रंग का बनाते हैं। भगवा वाला ज्यादा बिकता है, और प्योर होता है। उसमें रंग नहीं मिलाना पड़ता। बाकी, मोदी जी के आने से ‘बिजनिस’ ठीक जा रहा है।”
बता दें कि श्री भारती जी ने ही इस देश में सबसे पहले भगवा रंग के बूँदी के लड्डू बनाए थे। स्वतन्त्रता दिवस पर स्कूल, विद्यालय, कैंटीन आदि में बंटने वाली बूँदी उन्हीं के द्वारा तैयार की जाती हैं।
उनका लक्ष्य है कि आगामी वर्षों में वो JNU में भी स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर उन्हीं के द्वारा बनाए जाने वाले बूँदी के लड्डू वितरित किए जाएँ। फ़िलहाल उनका पूरा ध्यान बंगाल में बूँदी के लड्डुओं की सप्लाय पूरी करने पर केंद्रित है।