Saturday, November 16, 2024
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55% पूरा हुआ राम मंदिर का निर्माण कार्य: गर्भगृह में 3 फ़ीट की नई प्रतिमा भी स्थापित होगी, सोने के आसन पर विराजमान होंगे रामलला

चूँकि, रामलला की बालस्वरूप मूर्ति काफी छोटी है। इसलिए, श्रद्धालु सही तरीके से मूर्ति के दर्शन नहीं कर पाएँगे। ऐसे में, ट्रस्ट ने गर्भगृह में एक अन्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है।

हिंदुओं की आस्था के केंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जारी है। पहले फेज के निर्माण के बाद जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के दिन राम लला मंदिर में विराजमान होंगे। फिलहाल, मंदिर निर्माण का कार्य 55% तक पूरा हो चुका है।

राम मंदिर के निर्माण को लेकर दैनिक भास्कर ने ग्राउंड रिपोर्ट की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रामलला के मंदिर का निर्माण तीन फेज में चल रहा है। पहले फेज का काम 30 दिसंबर, 2023, दूसरे फेज का काम 30 दिसंबर, 2024 और तीसरे फेज का काम 30 दिसंबर, 2025 को पूरा होगा। मंदिर निर्माण में करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

1000 साल तक सुरक्षित रहेगा राम मंदिर…

मंदिर का पूरा परिसर 71 एकड़ का है। वहीं, रामलला का मंदिर 8 एकड़ में बन रहा है। मंदिर का शिखर 161 फीट का होगा। मंदिर के निर्माण में किसी प्रकार के लोहे या स्टील का उपयोग नहीं किया जा रहा। साथ ही, इसे ऐसा बनाया जा रहा है कि 1000 साल तक यह मंदिर पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। यहाँ तक कि 6.5 रिएक्टर के भूकंप से भी मंदिर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचेगी।

मंदिर के गर्भ गृह में जहाँ राम लला विराजमान होंगे, वह आसन सोने का होगा। वहीं, मंदिर का शिखर भी सोने का ही हो सकता है। इसके लिए, महाराष्ट्र के एक व्यापारी ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट से बात की है। हालाँकि, ट्रस्ट की ओर से अब तक इसको लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई। मंदिर निर्माण को लेकर ऐसा लग रहा है कि सरकार रामलला के इस मंदिर को देश का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक केंद्र बनाने के साथ ही सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने में जुटी है।

चूँकि, रामलला की बालस्वरूप मूर्ति काफी छोटी है। इसलिए, श्रद्धालु सही तरीके से मूर्ति के दर्शन नहीं कर पाएँगे। ऐसे में, ट्रस्ट ने गर्भगृह में एक अन्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट के सदस्य और अयोध्या के मानद राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्र का कहना है कि इस मूर्ति के निर्माण से पहले देश के बड़े मूर्तिकारों को स्केच बनाने के लिए कहा गया है। इसमें पद्मश्री और पद्म विभूषण से सम्मानित आर्टिस्ट भी शामिल हैं। यह मूर्ति संगरमरमर की होगी और इसकी ऊँचाई, ढाई से 3 फीट तक हो सकती है।

वहीं, राम लला मंदिर के पुजारी पण्डित सत्येंद्र दास ने कहा है कि गर्भगृह में विराजमान होने वाली एक अन्य मूर्ति कैसे होगी, इसके लिए साधु-संतों की राय ली जा रही है। सत्येंद्र दास का कहना है कि मूर्ति यदि अष्टधातु की होगी तो ज्यादा अच्छा होगा।

तीन फेज में होगा तीन फ्लोर का निर्माण

राम लला के मंदिर निर्माण में पहले फेज में फर्स्ट फ्लोर पर गर्भगृह समेत 5 मंडपों का निर्माण किया जा रहा है। इन मंडपों के नाम गुड़ी मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कीर्तन मंडप होंगे। पहले फेज में ही, मंदिर का प्रवेश द्वार ‘सिंह द्वार’ का निर्माण होना है। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र कहते हैं कि पहले फेज का निर्माण पूरा होते ही दूसरे फेज का निर्माण शुरू होगा। इसमें, दूसरा फ्लोर बनाया जाएगा। इस फ्लोर में ही राम दरबार होगा। तीसरे फेज में तीसरा फ्लोर बनेगा। हालाँकि, श्रद्धालु इस फ्लोर में नहीं जा सकेंगे।

रामनवमी पर सूर्य भगवान करेंगे राम लला का अभिषेक

भगवान राम के जन्म यानी रामनवमी पर सूर्य की किरणों से राम लला के अभिषेक करने की योजना है। इसके लिए, आईआईटी रुड़की द्वारा लगातार योजना बनाई जा रही है। फिलहाल, इस मंदिर के निर्माण में 350 मजदूर और कारीगर लगातार जुटे हुए हैं। वहीं, करीब एक हजार मजदूर और कारीगर राजस्थान के भरतपुर जिले के वंशी पहाड़पुर में मंदिर निर्माण में उपयोग हो रहे पिंक स्टोन पत्थर तराशने में जुटे हुए हैं। बता दें कि, मन्दिर का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में होगा। वहीं, एग्जिट दक्षिण में होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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