Friday, April 26, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिआदि विनायक मंदिर: हाथी वाले नहीं बल्कि मानवमुख वाले गणेश जी हैं विराजमान, श्री...

आदि विनायक मंदिर: हाथी वाले नहीं बल्कि मानवमुख वाले गणेश जी हैं विराजमान, श्री राम से है जुड़ा इतिहास

भगवान राम के बनाए चावल के पिंड कीड़ों में बदल जा रहे थे। शिवजी के कहने पर जब भगवान राम आदि विनायक मंदिर (मानवमुख स्वरूप वाले गणेशजी) आए, तब जाकर महाराजा दशरथ के लिए पिंडदान कर पाए। - यही है इस मंदिर की महिमा।

भारत के मंदिर ही यहाँ की पहचान हैं। देश के कोने-कोने में स्थित कई ऐसे मंदिर हैं जो चमत्कारिक हैं, अद्भुत हैं और अपनी अद्वितीय पहचान के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर तमिलनाडु राज्य में स्थित है, जहाँ भगवान गणेश के गजमुख (हाथी के सूँड़ वाले) स्वरूप की नहीं बल्कि मानवमुख स्वरूप की पूजा होती है। यह प्राचीन मंदिर भगवान श्री राम से सम्बंधित है और यहाँ दर्शन करने से ही पितरों को मुक्ति मिलती है।

तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले में कुटनूर से लगभग 3 किमी दूर तिलतर्पणपुरी है। यहाँ स्थित है भगवान गणेश का आदि विनायक मंदिर, जो भारत ही नहीं अपितु संभवतः पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ भगवान गणेश के मानवमुख स्वरूप की उपासना की जाती है अर्थात मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का सिर हाथी का नहीं अपितु मनुष्य का है।

मंदिर का इतिहास

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जब अपने पिता की मृत्यु के बाद पिंडदान कर रहे थे, तब उनके द्वारा बनाए गए चावल के पिंड कीड़ों में बदल जा रहे थे। श्री राम ने जितनी बार चावल के पिंड बनाए, उतनी बार वो कीड़ों में बदल जाते। अंततः उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की, तब महादेव ने उन्हें आदि विनायक मंदिर जाकर विधि-विधान से पूजा करने के लिए कहा। इसके बाद भगवान राम आदि विनायक मंदिर आए और महाराजा दशरथ के लिए पूजा की। उनके द्वारा बनाए गए चावल के चार पिंड बाद में शिवलिंग के रूप में बदल गए, जो आदि विनायक मंदिर के पास स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित हैं।

भगवान राम के द्वारा इस मंदिर में महाराजा दशरथ और अपने पूर्वजों के लिए किए गए पिंडदान के बाद से यहाँ देश के कोने-कोने से लोग अपने पूर्वजों की शांति के लिए आते हैं। तिलतर्पणपुरी भी दो शब्दों से मिलकर बना है, तिलतर्पण अर्थात पूर्वजों के तर्पण से सम्बंधित और पुरी का अर्थ है नगर। इस प्रकार इस स्थान को पूर्वजों के मोक्ष और मुक्ति का नगर कहा जाता है। पितरों की शांति के लिए पिंडदान नदी के किनारे किया जाता है लेकिन धार्मिक अनुष्ठान मंदिर के अंदर ही होते हैं।

यहाँ मंदिर में गणेश जी के साथ माता सरस्वती का भी मंदिर स्थापित है। प्राचीन कवि ओट्टकुठार ने देवी के इस मंदिर की स्थापना की थी। भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु माता सरस्वती का भी दर्शन अवश्य करते हैं। साथ ही यहाँ मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर है, जहाँ वही चार शिवलिंग स्थापित हैं, जिनका वर्णन पहले किया जा चुका है।

कैसे पहुँचें?

तिरुवरुर शहर मुख्यालय से आदि विनायक मंदिर की दूरी लगभग 22 किलोमीटर (किमी) है। यहाँ का नजदीकी हवाईअड्डा तिरुचिरापल्ली में स्थित है, जो लगभग 110 किमी दूर है। इसके अलावा चेन्नई हवाईअड्डे से इस स्थान की दूरी लगभग 318 किमी है।

तिरुवरुर रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 23 किमी की दूरी पर है। तंजावुर के माध्यम से यहाँ से तमिलनाडु के लगभग सभी शहरों के लिए रेल सुविधा उपलब्ध है। सड़क मार्ग से भी यहाँ पहुँचना आसान है क्योंकि यह तमिलनाडु के सभी बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ओम द्विवेदी
ओम द्विवेदी
Writer. Part time poet and photographer.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe