राजस्थान के पुष्कर में स्थित ब्रह्मा मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में बदहाल है और ये धरोहर कभी भी धराशाई होने की कगार पर खड़ा है। सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का ये मंदिर मरम्मत और पुनर्निर्माण की बाट जोह रहा है। मंदिर के मूल ढाँचे में कई दरार हैं और ये कई जगह से टूट-फूट गया है। दुनिया भर कई श्रद्धालु यहाँ आते हैं, लेकिन उनकी नजर 3 बड़े दरारों पर पड़ती है। जगह-जगह से फर्श भी धँस चुकी है। बता दें कि इस पृथ्वी पर भगवान ब्रह्मा के दुर्लभ मंदिरों में से ये एक है।
इस सम्बन्ध में ‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए मंदिर कमिटी के सचिव और SDM सुखराम भिंडर का कहना है कि ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को उन्होंने कई बार पत्र लिखा है, लेकिन उसका जवाब नहीं आता। उन्होंने कहा कि ASI की अनुमति के बिना यहाँ कोई कार्य नहीं हो सकता। परकोटे के बाहरी हिस्से में दो बड़ी दरारें और एक अंदर है। मुख्य मंदिर के गर्भ गृह का पलस्तर भी जड़ चुका है। 2 महीने पहले ASI और ‘राष्ट्रीय धरोहर प्राधिकरण’ की टीम ने यहाँ का दौरा किया था, तब उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी।
मंदिर के भूतल में स्थित 2 प्राचीन शिव मंदिरों को पूजा के लिए बंद कर दिया गया है, क्योंकि उनका ड्रेनेज सिस्टम ही जाम हो चुका है। श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं तो पानी बाहर ही नहीं जा पाता। नींव में रिसाव की भी आशंका है। लोग सीवर से आचमन करने को मजबूर हैं। सरोवर को सीवर मुक्त करने के लिए बजट का प्रावधान तो हुआ, लेकिन योजना का खाका ही तैयार नहीं हो पाया। परिक्रमा मार्ग धँसने के कारण एक तरफ झुक गया है।
साथ ही बरगद के एक विशाल पेड़ से भी मंदिर को नुकसान पहुँच रहा है। RTDC (राजस्थान पर्यटन विकास निगम) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने यहाँ की दुर्दशा को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के समक्ष रखा। दोनों राजस्थान से ही आते हैं। दिव्यांगों को दर्शन में दिक्कत होने के कारण जॉइंट कमिश्नर उमाशंकर शर्मा ने इसकी मरम्मत के लिए ASI को खाका भेजने का निर्देश भी दिया।
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— Saurabh Bhatt ( सौरभ भट्ट) (@jprsourabh) August 8, 2022
मध्यप्रदेश के भानपुरा में स्थित ज्योर्तिमठ की अवांतर पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ भी हाल ही में पुष्कर पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने इस मंदिर की जर्जर स्थिति को देखते हुए सरकार से मरम्मत की माँग की। सैकड़ों शिष्यों के साथ यहाँ पहुँचे ज्ञानानंद ने कहा कि मंदिर का कोई हिस्सा ढह गया तो जनहानि हो सकती है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार से भी लोग इसकी मरम्मत की माँग कर रहे हैं।