Thursday, April 25, 2024
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राम और कृष्ण की भक्त थीं लता मंगेशकर, मीराबाई का भजन ‘माई माई कैसे जियूँ रे’ था काफी पसंद: गीत से पहले लिखती थीं ‘श्रीकृष्ण’

उनकी एक और आदत थी यह कि वह कागज पर कोई भी गीत लिखने से पहले सबसे पहले उस पर श्रीकृष्ण लिखती थीं, फिर उसके बाद गीत के बोल।

बॉलीवुड की महान गायिका लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश गम में डूबा हुआ है। दैनिक जागरण के मुताबिक, लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) कृष्ण और राम भगवान की की भक्त थीं। उन्होंने मीरा के कई पद गाए। मीरा का पद ‘माई माई कैसे जियूँ रे’ उनको बेहद पसंद था। इसके अलावा उन्हें जयदेव का गीत गोविन्द भी बेहद प्रिय था। उनके बारे में कहा जाता है कि जब सुर सम्राज्ञी ने मीरा, सूरदास और जयदेव के पदों को पढ़ा तो उनकी कृष्ण में आस्था और गहरी हो गई थी।

यही नहीं उनकी एक और आदत थी यह कि वह कागज पर कोई भी गीत लिखने से पहले सबसे पहले उस पर श्रीकृष्ण लिखती थीं, फिर उसके बाद गीत के बोल। लता जी का उदयपुर के महाराज महाराणा भागवत सिंह से भी पारिवारिक किस्म का रिश्ता था। एक बार लता जी, पंडित नरेन्द्र शर्मा, उषा मंगेशकर और ह्रदयनाथ मंगेशकर उदयपुर गए थे। ये सभी उस वक्त के महाराणा मेवाड़ भागवत सिंह से मिलने उनके महल में पहुँचे थे। लता जी ने बताया कि उस दिन भागवत सिंह जी बहुत प्रसन्न थे। महाराणा ने उनसे कहा था कि आप तो कृष्ण की भक्त हैं, आपको मीरा के पद गाना और सुनना दोनों बेहद पसंद हैं।

भागवत सिंह ने उनसे यह भी कहा था कि आज आपको अपनी पूर्वज मीराबाई के भगवान का दर्शन करवाते हैं। फिर वे उनको उस कमरे में लेकर गए और वहाँ उन्हें भगवान कृष्ण की बेहद खूबसूरत मूर्ति के दर्शन करवाए। भागवत सिंह ने लता मंगेशकर को बताया कि कृष्ण की वही मूर्ति है, जिसको गोद में लेकर मीराबाई रोजाना पूजा किया करती थीं। कृष्ण की उस मूर्ति को देखकर लता जी की आँखों में आँसू आ गए थे।

दूसरा वाकया राम भक्ति से जुड़ा हुआ है। लता मंगेशकर ‘राम रतन धन पायो’ वाला रिकॉर्ड तैयार कर रही थीं। उसी समय उनके पारिवारिक मित्र पंडित नरेन्द्र शर्मा ने उनसे कहा कि राम ऐसे अकेले भगवान हुए हैं कि अगर कोई उनकी तन मन से सेवा करे तो उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। लता मंगेशकर ने यतीन्द्र मिश्र को बताया कि, पंडित नरेन्द्र शर्मा की कि बात छू गई और पता नहीं क्या हुआ कि इस रिकॉर्ड के बनने तक उनकी राम भगवान में श्रद्धा बढ़ने लगी। लता जी ने बताया था कि तभी से मैं राम भक्त हूँ और मैं मानती हूँ कि उनके जैसा चरित्र बल किसी दूसरे पौराणिक किरदार में ढूंढने से नहीं मिलेगा।

बता दें कि सुर-साम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 साल की उम्र में रविवार (6 फरवरी 2022) को निधन हो गया। अपनी सुरीली आवाज से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाने वाली गायिका ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम साँस ली।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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