Thursday, March 28, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिगंगा के रास्ते ज्ञानवापी जाएँगे 71 संत, शुभ पुष्य नक्षत्र में करेंगे 'शिवलिंग' का...

गंगा के रास्ते ज्ञानवापी जाएँगे 71 संत, शुभ पुष्य नक्षत्र में करेंगे ‘शिवलिंग’ का अभिषेक: बोले स्वामी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द, तैयारियाँ पूरी

कल सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर ज्ञानवापी के लिए संत गंगा के रास्ते निकलेंगें। जिसमें पूरे 71 संत शामिल होंगे और 64 प्रकार की थाली सजाकर 64 तरीकों का अभिषेक किए जाने की तैयारी है।

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के सर्वे के दौरान सामने आए ‘शिवलिंग’ की पूजा को लेकर काशी के संत अडिग हैं। वहीं जहाँ आज काशी में धर्म परिषद् का आयोजन करके 22 प्रस्ताव पास किए गए वहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने शिष्यों को आदेश दिया है कि 4 जून को शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाएगा। वहीं इस कार्यक्रम के ऐलान के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कम्प मचा हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस आदेश के बाद अभिषेक की तैयारी शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने शुरू कर दी है। कल सुबह से ही वाराणसी में गहमागहमी होगी क्योंकि संतों का काफिला 4 जून, 2022 को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर ज्ञानवापी विवादित ढाँचे की ओर बढ़ेगा।

वहीं कहा जा रहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने इस पूजन के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए शुभ पुष्य नक्षत्र में संतों का काफिला ज्ञानवापी को ओर निकालने का निर्णय लिया गया है। कल सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर ज्ञानवापी के लिए संत गंगा के रास्ते निकलेंगें। जिसमें पूरे 71 संत शामिल होंगे और 64 प्रकार की थाली सजाकर 64 तरीकों का अभिषेक किए जाने की तैयारी है।

हालाँकि, ऐसा भी खबर आ रही है कि प्रशासन ने आयोजन को कैंसिल कराने के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद बातचीत करनी शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई निर्णय सामने नहीं आया है।

वहीं इस पूरे मामले को लेकर अविमुक्तेश्वरा नंद ने कहा, “कार्यकम को लेकर प्रशासन उनके पास आना शुरू कर दिया है। उनका आयोजन को कैंसिल करवाने का दबाव है लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया है। उनका कहना है कि आयोजन कैंसिल नहीं हो सकता है लेकिन अगर प्रशासन संख्या पर कुछ बात करना चाहता है तो वो की जा सकती है।”

गौरतलब है कि इससे पहले कल मीडिया से बातचीत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का कहना है कि ज्ञानवापी में स्वयं विश्वेश्वर भगवान प्रकट हुए हैं और अब उनका स्नान, श्रृंगार, पूजा और राग-भोग बहुत की आवश्यक है। जो भगवान की प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति है वो तीन साल के बच्चे की तरह होती है। जिस प्रकार 3 वर्ष के बालक को बिना स्नान-भोजन आदि के अकेले नहीं छोड़ा जा सकता, उसी प्रकार ये भी हैं।

उन्होंने कहा, “अब जब भगवान प्रकट हुए हैं तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी सेवा करें, अन्यथा हम पाप के भागी होंगे।” वहीं, 4 जून को पूजा को लेकर संत ने कहा कि हमारे शास्त्रों में ‘स्थाप्यं समाप्यं शनि-भौमवारे’ कहकर शनिवार को सबसे अधिक शुभ दिन माना गया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भाषण’ देना नहीं आया केजरीवाल के काम, कोर्ट ने 1 अप्रैल तक के लिए ED को सौंपा: ASG बोले – मुख्यमंत्री कानून से ऊपर...

AAP के गोवा के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर को भी जाँच एजेंसी ने समन भेजा है। अब अरविंद केजरीवाल को 1 अप्रैल, 2024 को सुबह के साढ़े 11 बजे कोर्ट में फिर से पेश किया जाएगा।

बरसात का पानी बहाने के लिए सरकार लेगी पैसा, विरोध में जनता: जानिए क्या है कनाडा का ‘रेन टैक्स’, कब से और कैसे होगा...

कनाडा में बरसात और बर्फ पिघलने के कारण बहने वाले पानी को लेकर सरकार लोगों पर रेन टैक्स लगाने जा रही है। यह टोरंटो में लगाया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe