अभिनेता-निर्माता अजय देवगन लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हिंसक झड़प की पृष्ठभूमि पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। फिल्म के बारे में अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह भारतीय सेना के 20 जवानों के बलिदान की कहानी सुनाएगी, जिन्होंने चीनी सेना का मुकाबला किया था।
हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि अजय फिल्म में अभिनय करेंगे या नहीं। कलाकारों और अन्य चीजों पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है। फिल्म को अजय देवगन फिल्म्स और सेलेक्ट मीडिया होल्डिंग्स एलएलपी द्वारा निर्मित किया जाएगा।
15 जून को, पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ 20 भारतीय सैनिकों ने हिंसक हमले में अपनी जान गवाँ दी थी। यह टकराव श्योक नदी के साथ संगम से पहले, पूर्व-पश्चिम दिशा में बहने वाली नदी के दक्षिणी तट पर स्थित गलवान घाटी में हुआ था।
इस पर फिल्म बनाए जाने की जानकारी फिल्म समीक्षक तरण आदर्श ने ट्वीट कर दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “यह ऑफिशियल है कि अजय देवगन गलवान घाटी की घटना पर फिल्म बनाने जा रहे हैं। अभी फिल्म का कोई शीर्षक नहीं दिया गया है। इस फिल्म के जरिए उन 20 भारतीय सेना के जवानों की कहानी दिखाई जाएगी, जिन्होंने चीनी सेना का मुकाबला किया था। इस फिल्म को अजय देवगन और सेलेक्ट मीडिया होल्डिंग्स एलएलपी प्रोड्यूस करेंगे। फिल्म की कास्ट भी अभी फाइनल नहीं हुई है।”
IT’S OFFICIAL… #AjayDevgn to make film on #GalwanValley clash… The film – not titled yet – will narrate the story of sacrifice of 20 #Indian army men, who fought the #Chinese army… Cast not finalized… Ajay Devgn FFilms and Select Media Holdings LLP will produce the film. pic.twitter.com/yaM6rPcK7Z— taran adarsh (@taran_adarsh) July 4, 2020
अजय देवगन की युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ लगभग तैयार हो चुकी है। फिल्म का प्रीमियर डिज्नी एवं हॉटस्टार पर जल्द ही किया जाएगा। फिल्म को ‘हॉटस्टार’ ने लगभग 112 करोड़ रुपए में खरीदा है। अभिषेक दुधैया के निर्देशन में बनी यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है।
इसमें संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, नोरा फतेही, शरद केलकर, अम्मी विर्क और प्रणीत सुभाष सहित अन्य कलाकार हैं। इस फिल्म में अजय देवगन भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक की भूमिका निभा रहे हैं, जो 1971 के युद्ध में भुज हवाई अड्डे के प्रभारी थे।
विजय कार्णिक, उनकी टीम और भुज की स्थानीय 300 महिलाओं की वजह से भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्रिप की मरम्मत की जा सकी थी और पाकिस्तान को जवाब दिया जा सका। इसे भारत का ‘पर्ल हार्बर मोमेंट’ भी कहा जाता है। खास बात है कि 1971 की कहानी जेपी दत्ता की फिल्म बॉर्डर में दिखाई जा चुकी है लेकिन ये फिल्म वायुसेना के संघर्षों को सामने रखेगी।