पिछले दिनों कई बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ DeepFake वीडियोज का शिकार बनीं थीं। इसी लिस्ट में अब आलिया भट्ट का नाम भी जुड़ गया है। हाल में उनका चेहरा इस्तेमाल करके एक अश्लील वीडियो बनाई गई। इस वीडियो में लड़की को अपने पैर और अपना शरीर हिलाकर गंदे इशारे करते देखा जा सकता है।
वीडियो में लड़की ने फ्लोरल प्रिंट वाली स्लीवलेस टॉप और शॉर्ट्स को पहना है। उसे क्लीवेज शो करते और बिस्तर पर हिलते वीडियो में देखा जा सकता है।
हालाँकि ये वीडियो देखने से ही फेक लग रही है। लेकिन फिर भी कुछ अंजान यूजर हो सकते हैं जो इसे सच समझ लें इसलिए जानना जरूरी है कि एआई जनरेटेड वीडियो में आलिया का चेहरा लगाया गया है जबकि बाकी वीडियो किसी और की है।
इस वीडियो को pauseshooter नाम के इंस्टा अकॉउंट ने अपने शेयर किया है। कैप्शन में लिख दिया गया है- ‘आलिया भट्ट मेक्स मी हॉर्नी’ इस अकॉउंट और भी अन्य महिलाओं की फोटो है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट के भी डीपफेक का शिकार होने से फिर से साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
गौरतलब है कि सबसे पहले रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सामने आया था। इस पर सबसे पहले अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट डालकर विरोध दर्ज करा कानूनी कार्रवाई की माँग उठाई थी।
तब सेंटर इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि इस वीडियो को लेकर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे को कभी टूटने नहीं देगी।
हालाँकि, इसके बाद कटरीना कैफ, काजोल और सारा तेंदुलकर, टीवी एक्ट्रेस जन्नत जुबेर और अनुष्का सेन की भी डीपफेक वीडियो वायरल हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीपफेक पर फिक्र जताई थी।
इसके बाद IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव डीपफेक पर 10 दिनों में कानून बनाने की बात कही। वहीं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार (24 नवंबर, 2023) को डीपफेक की निगरानी के लिए एक अधिकारी को नियुक्त करने की बात कही। यह अधिकारी डीपफेक से जुड़े मामलों में FIR दर्ज कराने में आम लोगों की मदद करेगा।
डीपफेक है क्या
डीपफेक तकनीक से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर दो लोगों के चेहरे को आपस में बदला जाता है। हालाँकि इस काम में लंबा वक्त लगता है, क्योंकि जिस शख्स का चेहरा लगाना होता है उससे मिलते-जुलते हजारों फोटो वीडियो ‘एनकोडर’ नाम के एक AI प्रोग्राम पर चलाए जाते हैं।
इस तकनीक से दोनों चेहरों की बेहतरीन समानताओं को तलाशा जाता है। इसके बाद यह तकनीक इन चेहरों को सबसे बेस्ट समानता के आधार पर एक कंप्रेस्ड इमेज बनाती है। फिर इसके बाद AI तकनीक ‘डीकोडर’ से चेहरा तलाशने को कहा जाता है। तब कहीं जाकर डीपफेक वीडियो तैयार होती हैं।