Saturday, April 20, 2024
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विवेक अग्रनिहोत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कराने के लिए FCC को बड़े मीडियाकर्मियों से मिली धमकी, निर्देशक बोले- मैं हेट कैंपेन का शिकार हूँ

FCC द्वारा कैंसिल की गई विवेक अग्रिहोत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के पीछे शक्तिशाली मीडिया कर्मियों का हाथ है। उन्होंने धमकी दी थी कि अगर ये कॉन्फ्रेंस हुई तो वो इस्तीफा दे देंगे।

‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्म के खिलाफ चलाए जा रहे हेट-कैम्पेन और उसे काल्पनिक बताने वालों के खिलाफ हमेशा से मुखर रहे हैं। इसी बीच खबर है कि मंगलवार (3 मई 2022) को नई दिल्ली में विदेशी संवाददाता क्लब (Foreign Correspondents Club/FCC) ने विवेक रंजन अग्निहोत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस 5 मई को दिल्ली में होने वाली थी, जिसमें कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर चर्चा की जानी थी। फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब का कहना है कि ‘कुछ शक्तिशाली मीडिया घरानों’ ने इस पीसी पर कड़ी आपत्ति जताई है और उन्हें धमकी भी दी है।

अग्निहोत्री ने ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी है। ट्विटर पर पोस्ट की गई वीडियो में विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने विदेशी पत्रकारों के एक समूह पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “कल, मेरे साथ एक असामान्य, चौंकाने वाली और बेहद अलोकतांत्रिक बात हुई। विदेशी संवाददाता क्लब के अध्यक्ष ने कल मुझे फोन किया और 5 मई को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के रद्द होने की जानकारी दी। मैं एक हेट-कैम्पेन का शिकार हुआ हूँ। मेरी फ्री स्पीच को, एजेंडा चलाने वाले, सच का विरोध करने वाले कुछ शक्तिशाली मीडिया घरानों ने प्रतिबंधित कर दिया। उन्होंने इस पीसी पर आपत्ति जताई है और धमकी दी है। अब मैं 5 तारीख को शाम 4 बजे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक ओपन-हाउस पीसी रख रहा हूँ। सभी मीडिया आमंत्रित हैं।”

अग्निहोत्री ने कहा कि उन्होंने ‘भारत, लोकतंत्र, स्वतंत्र भाषण और सच्चाई के हित में एक वैकल्पिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने का निर्णय किया है। उन्होंने 5 मई को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में भारतीय और विदेशी मीडिया को आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया, “प्रेस कॉन्फ्रेंस में फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ने खाने और कॉकटेल की माँग की थी और उनके अनुरोध पर जी स्टूडियोज की टीम ने खाने और लॉजिस्टिक्स की पूरी व्यवस्था भी थी। यह अलोकतांत्रिक है। मेरी अंतरात्मा मुझे इसके लिए अनुमति नहीं देती है। कई विदेशी संवाददाताओं ने मुझे बुलाया है और अभी भी सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक हैं। मैं अब एक ओपन हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा हूँ।”

उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा, “मैं सभी मीडियाकर्मियों को पीसी में शामिल होने और द कश्मीर फाइल्स में दिखाए गए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार की सच्चाई को लेकर जो भी संदेह है उसे दूर करने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”

गौरतलब है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है। फिल्म में दिखाया गया है कि 90 के दशक में कैसे घाटी में इस्लामिक जिहाद अपने चरम था। कैसे कश्मीरी हिंदुओं को घाटी से भागने के लिए मजबूर किया गया। विवेक अग्रिहोत्री के निर्देशन में कश्मीरी पंडितों पर बनी द कश्मीर फाइल्स ने बॉक्स ऑफिस पर भी कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी फिल्म की सराहना की है। हालाँकि, कट्टरपंथी-वामपंथी समूह इस फिल्म से काफी नाराज दिखे हैं। एनडीटीवी ने तो इस फिल्म की रिलीज से पहले ही इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया था और विरोध के बाद उसे अपनी रिपोर्ट से प्रोपेगेंडा शब्द हटाना पड़ा था। आँकड़े बताते हैं कि घाटी के कुल 140000 कश्मीरी पंडितों में से करीब 100000, फरवरी और मार्च 1990 के बीच पलायन कर गए थे। वर्ष 2011 तक घाटी में 3000 परिवार भी नहीं रह गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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