Saturday, November 16, 2024
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रिया के समर्थन में तापसी का ‘कानून पाठ’, CAA का किया था विरोध: ऐसे कैसे चलेगा ‘नाम शबाना’

सुशांत मामले में क़ानून में विश्वास जताने की सलाह देते फिर रही तापसी को CAA के समय कानून में भरोसा नहीं था। जेएनयू में वामपंथियों द्वारा की गई हिंसा के दौरान भी 'क़ानून पर भरोसा' गायब था, क्योंकि उन्होंने सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया था।

फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू ने ढाई महीने बाद सुशांत सिंह राजपूत मामले में चुप्पी तोड़ी है और रिया चक्रवर्ती का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वे न तो सुशांत को जानती थीं और न रिया को। लेकिन एक मनुष्य होने के कारण वे मानती हैं कि न्यायपालिका द्वारा किसी को दोषी ठहराए जाने के बिना ही किसी को दोषी करार देने का क्या अर्थ होता है। उन्होंने कहा कि अभी रिया चक्रवर्ती दोषी साबित नहीं हुई हैं, इसीलिए ऐसा करना गलत है।

तापसी पन्नू ने कहा कि मृतक की आत्मा की पवित्रता और अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए लोगों को क़ानून में विश्वास रखना चाहिए। ऐसा उन्होंने अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि मीडिया ने एक लड़की को राक्षस बना बना कर पेश किया है और फैक्ट जाने बिना हमें किसी लड़की या उसके परिवार की दुष्टतापूर्वक और क्रूरतापूर्वक लिंचिंग नहीं करनी चाहिए।

हालाँकि, इस दौरान तापसी पन्नू का सीएए को लेकर दिया गया बयान भी याद करने की ज़रूरत है, जब उन्होंने उपद्रवी प्रदर्शनकारियों को छात्र बताते हुए कहा था कि वे उनका ‘दर्द’ को समझती हैं। आज भले ही वे ‘Law of the Land’ में भरोसा जताने की सबको सलाह दे रही हैं, लेकिन जब उन्होंने CAA विरोधियों का समर्थन किया था, तब इस ‘Law of the Land’ में उनका विश्वास कहाँ गया था?

तब तापसी पन्नू का खूब विरोध भी हुआ था। सीएए भी इसी देश का क़ानून है, जिसे संसद के दोनों सदनों ने पास किया है और उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हैं। लेकिन, सुशांत मामले में क़ानून में विश्वास जताने की सलाह देते फिर रही तापसी को CAA के समय कानून में भरोसा नहीं था। जेएनयू में वामपंथियों द्वारा की गई हिंसा के दौरान भी ‘क़ानून पर भरोसा’ गायब था, क्योंकि उन्होंने सड़क पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया था।

एक इंटरव्यू के दौरान तापसी पन्नू ने कहा था कि अगर लोग अभी नहीं जगे तो फिर वे मृत हो जाएँगे। इससे पहले कई बार तापसी ये भी कहती हुई पाई गई थीं कि वे सीएए को समझती ही नहीं है और न इसके बारे में उनके पास ज्ञान है, इसीलिए वो इस पर टिप्पणी नहीं कर सकतीं। लेकिन, बावजूद इसके उन्होंने लगातार प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। इसके जवाब में लोगों ने उनकी फिल्म ‘थप्पड़’ का बॉयकॉट किया था।

हाल ही में तापसी पन्नू पर निशाना साधते हुए कंगना रनौत ने कहा था, “बॉलीवुड में बाहर से आए तमाम चापलूस कंगना की शुरू की गई मुहिम को रास्ते से भटकाना चाहते हैं। वह मूवी माफियाओं के पसंदीदा बने रहना चाहते हैं, ऐसे लोग कंगना पर हमले करके फिल्म और पुरस्कार लेते हैं। इतना ही नहीं, वह एक महिला को सार्वजनिक तौर पर परेशान करने में दूसरों की मदद कर रहे हैं। तुम्हें शर्म आनी चाहिए तापसी, तुम कंगना के संघर्षों का फल ले रही हो और उसी के खिलाफ गुटबाज़ी में शामिल भी हो रही हो।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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