सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में जाँच के बाद कई और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। आत्महत्या वाली जगह पर पुलिस को बाथरोब के टुकड़े भी मिले हैं। पुलिस ने शक जताया है कि शायद उन्होंने आत्महत्या के पहले बाथरूम के बाथरोब को इस्तेमाल किया था लेकिन वो टूट गया, जिसके टुकड़े वहाँ पड़े मिले। इससे निष्कर्ष निकलता है कि उन्होंने दो बार में आत्महत्या की।
पहली बार में वो कामयाब नहीं हुए थे। न्यूज़ 18 की ख़बर के अनुसार, पुलिस को सुशांत सिंह राजपूत की आलमारी में कपड़े बिखरे पड़े हुए मिले। इससे अंदेशा जताया गया है कि बाथरोब के टूट जाने पर उन्होंने अपनी आलमारी में से हरे रंग का एक कुर्ता निकाला और उसी को रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया। जब तक पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, तब तक सुशांत की बहन व अन्य लोगों ने फंदे को काट कर बॉडी नीचे उतार ली थी।
फ़िलहाल इस हरे रंग के कुर्ते को फॉरेंसिक लैब में जाँच के लिए भेजा गया है। जाँच में ये पता लगाया जाएगा कि ये कुर्ता किसी एक व्यक्ति का भार उठाने की क्षमता रखता भी है या नहीं। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में लोगों द्वारा तरह-तरह के सवाल उठाते हुए सीबीआई जाँच की माँग की जा रही है। उधर परिवार ने बयान जारी कर के कई अहम घोषणाएँ की है और अपनी बात सामने रखी है।
परिवार ने कहा है कि दुनिया के सुशांत सिंह राजपूत परिवार के लिए गुलशन की तरह थे। उन्हें खुले विचारों वाला, बातूनी, और अविश्वसनीय ढंग से प्रतिभाशाली बताया गया है। परिवार ने ‘ राजपूत फाउंडेशन’ की स्थापना की घोषणा की है, जिसमें सुशांत के दिल के क़रीबी क्षेत्रों सिनेमा, विज्ञान और खेल में प्रतिभावान युवाओं को मौका दिया जाएगा और उनका समर्थन किया जाएगा। परिवार ने कहा है कि उनकी लिगेसी और यादों को सजोने के लिए ऐसा किया जाएगा।
साथ ही पटना के राजीव नगर स्थित उनके घर को एक मेमोरियल में तब्दील कर दिया जाएगा, जहाँ सुशांत ने अपने बचपन के दिन गुजारे थे। हजारों किताबें, टेलिस्कोप और फ्लाइट स्टिमुलेटर सहित सुशांत की अन्य व्यक्तिगत चीजों को उनके फैंस के देखने के लिए वहाँ रखा जाएगा। साथ ही परिवार फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को भी मेंटेन करेंगे, ताकि उनकी यादों को ज़िंदा रखा जा सके।
परिवार ने कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत अपने हर एक फैन को प्यार करते थे, उन्हें सम्मान देते थे। परिवार ने कहा कि उनके जाने से एक स्थाई शून्य पैदा हो गया है जो परिवार में हमेशा रहेगा। साथ ही विज्ञान सम्बन्धी उनकी बातों को भी याद किया गया है। परिवार ने कहा कि वो लोग ये स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि वो सुशांत की हँसी फिर नहीं सुन पाएँगे। उन्होंने कहा कि सुशांत ने बिना किसी दायरे के सपने देखे और और शेर की तरह उन सपनों का पीछा किया।
सुशांत की आत्महत्या पर कंगना ने कहा था कि बॉलीवुड के लिए सुशांत ने इतनी अच्छी फिल्में कीं। मगर उन्हें कभी कोई अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने ‘काय पो छे’ से डेब्यू किया। उन्हें डेब्यू तक का अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने 6-7 साल के अंतराल में केदारनाथ, धोनी और छिछोरे जैसी अच्छी फिल्में बनाईं। मगर, फिर भी उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला। कोई सराहना नहीं मिली। वहीं, गली बॉय जैसी वाहियात फिल्म को अवॉर्ड मिल जाते हैं।
फिल्म निर्देशक अभिषेक कपूर ने खुलासा किया है कि ‘केदारनाथ’ की रिलीज के बाद मीडिया ने सारा अली ख़ान को तो सिर-आँखों पर बिठा लिया था, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत को नकार दिया था, जिससे वो बुझे-बुझे से रहते थे। इस फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक ही थे। उन्होंने ही सुशांत की लॉचिंग फिल्म ‘काई पो चे’ को भी डायरेक्ट किया था। कपूर ने बताया कि मीडिया द्वारा इस तरह का भेदभाव किए जाने के कारण सुशांत अंदर से बुझे-बुझे से रहते थे। बिहार में सलमान खान से भी लोग आक्रोशित हैं।