Saturday, July 27, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनरवीना टंडन, फराह खान और भारती सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर हाई कोर्ट की...

रवीना टंडन, फराह खान और भारती सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर हाई कोर्ट की रोक, ईसाई भावना आहत करने को लेकर पंजाब में FIR का मामला

न्यायमूर्ति करमजीत सिंह ने 2019 में एक वेब शो के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए तीनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की माँग वाली याचिका के संबंध में पंजाब राज्य को नोटिस जारी किया है।

बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन, कोरियोग्राफर व फिल्‍म निर्माता फराह खान और कॉमेडियन भारती सिंह को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। ईसाइयों की धार्मिक भावनाएँ आहत करने के आरोप में दर्ज एफआईआर के मामले में उनके खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर राेक लगा दी है। न्यायमूर्ति करमजीत सिंह ने 2019 में एक वेब शो के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए तीनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की माँग वाली याचिका के संबंध में पंजाब राज्य को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, 30 नवंबर 2019 को एक वेब शो में ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने को लेकर रवीना टंडन, फराह खान और कॉमेडियन भारती सिंह के खिलाफ 30 दिसंबर 2019 को गुरदासपुर के बटाला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में इन तीनों पर कथित तौर पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने फ्लिपकार्ट के ऑनलाइन शो ‘बैकबेंचर्स’ के दौरान पवित्र बाइबल के शब्‍द ‘हालेलुया’ का मजाक उड़ाया और उसकी तुलना अश्लील शब्द से करके ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया।

यही नहीं पटकथा लेखक अब्बास अजीज दलाल और फ्रेम्स प्रोडक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी को भी इस मामले में आरोपित बनाया गया था। बताया जाता है कि ‘हालेलुया’ एक हिब्रू शब्द है, जिसका प्रयोग ईश्वर के लिए किया जाता है। वहीं, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनका शो में ‘हालेलुया’ शब्द का अपमान करने और ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट अभिनव सूद ने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किलों ने आईपीसी की धारा 295-ए का उल्लंघन नहीं किया है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में पीटर मसीह द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत और बेबुनियाद हैं, जिनका उद्देश्य केवल याचिकाकर्ताओं को जबरन इस मामले में घसीटना है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किलों ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से किसी भी समुदाय की धार्मिक संवेदनाओं को ठेस नहीं पहुँचाया है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी।

ध्यान दें, अगर कोई व्यक्ति भारतीय समाज के किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करता है। उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करता है या फिर इससे संबंधित वक्तव्य देता है, तो वह आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 ए के तहत दोषी माना जाएगा।

गौरतलब है कि बॉलीवुड की प्रोड्यूसर फराह खान तीन साल पहले Flipkart के एक ऑनलाइन शो ‘बैकबेंचर्स’ को होस्ट करती थी। इस शो में वह वीकेंड पर रात 8 बजे नए सेलिब्रिटी को बुलाती थीं। इस दौरान 30 नवंबर, 2019 को इस शो में रवीना टंडन और भारती सिंह को ​कथित तौर पर बाइबल के शब्द का मजाक उड़ाना भारी पड़ गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -