Tuesday, May 20, 2025
Homeविविध विषयमनोरंजनJNU के बाद FTII में हुई 'The Kerala Story' की स्क्रीनिंग: झूठी कहानी बता...

JNU के बाद FTII में हुई ‘The Kerala Story’ की स्क्रीनिंग: झूठी कहानी बता विरोध करते रह गए वामपंथी छात्र: फिल्म के निर्माता-निर्देशक भी रहे मौजूद

'द केरल स्टोरी' की स्क्रीनिंग का विरोध कर रहे FTIISA के छात्रों ने कहना है कि 'द केरल स्टोरी' में जो भी दिखाया वह सब झूठ है। धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों को फिल्म में गलत तरीके से पेश किया गया है।

महाराष्ट्र के पुणे में स्थित फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में भारी विरोध और पुलिस की मौजूदगी के बीच फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग हुई। एफटीआईआई में छात्रों का एक गुट जहाँ फिल्म की स्क्रीनिंग का समर्थन कर रहा था वहीं एक अन्य गुट विरोध में ढोल-नगाड़ों के साथ नारेबाजी करता नजर आया।

दरअसल, FTII में MITEE फिल्म सोसाइटी ने ‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग का आयोजन शनिवार (20 मई 2023) सुबह 9:30 बजे किया था। हालाँकि टेक्निकल समस्या आने के कारण स्क्रीनिंग में एक घण्टे की देरी हुई। FTII स्टूडेंट्स एसोसिएशन (FTIISA) इस स्क्रीनिंग का विरोध कर रहा था। संगठन के छात्रों का कहना है कि उन्हें न तो स्क्रीनिंग की जानकारी दी गई और न ही स्क्रीनिंग के लिए बुलाया गया।

‘द केरल स्टोरी’ की स्क्रीनिंग का विरोध कर रहे FTIISA के छात्रों ने कहना है कि ‘द केरल स्टोरी’ में जो भी दिखाया वह सब झूठ है। धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे मुद्दों को फिल्म में गलत तरीके से पेश किया गया है। स्क्रीनिंग के दौरान फ़िल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन और निर्माता विपुल शाह मौजूद रहे। दोनों ने ही फिल्म देखने आए छात्रों से बातचीत की। इस दौरान सुदीप्तो सेन ने कहा है, “कुछ छात्रों को थिएटर में जाने की अनुमति नहीं दी गई। हमने छात्रों से बात की। FTII में कानून व्यवस्था बिगड़ने जैसी कोई बात नहीं हुई। विरोध कर रहे छात्र अगर फ़िल्म देखना चाहते हैं तो उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। हमने फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए FTII का चयन नहीं किया था। बल्कि हमें यहाँ आने के लिए आमंत्रण दिया गया था।”

बता दें कि ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म में दिखाया गया है कि केरल में कट्टरपंथी मुस्लिम हिंदू लड़कियों को फँसाने के लिए प्रशिक्षण देते हैं। इसके बाद लड़कियों का इस्लाम में धर्मांतरण करा कर उन्हें इस्लामिक आतंकी संगठन ISIS के लिए सेक्स स्लेव बनने के लिए भेजा जाता है। फिल्म में ऐसी ही लड़कियों की कहानी दिखाई गई है। इस फिल्म द्वारा इस्लामवादियों और वामपंथियों को उनका असली चेहरा उजागर होने का डर सता रहा है। ऐसे में फ़िल्म का विरोध किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार ने ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगा दिया था। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ही राज्यों को फटकार लगाते हुए बैन हटाने के लिए कहा। साथ ही तमिलनाडु सरकार को फिल्म देखने जाने वालों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अगर ज्योति मल्होत्रा मुसलमान होती… आज शोर मचाने वाले ‘इकोसिस्टम’ ही डाल रहा होता पर्दा, खेल रहा होता विक्टिम कार्ड

वामपंथी और इस्लामी कट्टरपंथी ज्योति के नाम की आड़ में प्रोपेगेंडा चला रहे हैं, दावा कर रहे हैं कि अगर ज्योति मुस्लिम होती तो नरेटिव अलग होता।

चीन से सटकर उछल रहा था बांग्लादेश, भारत ने दे दिया ₹6415 करोड़ का झटका: जानिए यूनुस सरकार की नीतियों से कारोबारी संबंधों को...

बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों पर भारत ने पाबंदियाँ लगाई है। इससे बांग्लादेश को करीब 6415 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हो सकता है।
- विज्ञापन -