Saturday, April 20, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनSeema-The Untold Story: 1962 में चीनी आक्रमण और सरकारी उदासीनता को दर्शाती फिल्म

Seema-The Untold Story: 1962 में चीनी आक्रमण और सरकारी उदासीनता को दर्शाती फिल्म

तेजपुर में उस समय हाहाकार मच गया था जब 1962 में असम के एक छोटे से शहर तेजपुर में युद्ध की आशंका पैदा हुई। चीनी सैनिकों ने तेजी से भारत में अपना रास्ता बनाकर लगभग 150 किमी दूर बोमडिला पहुँच गए थे।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता हिरेन बोरा द्वारा बनाई गई असमिया भाषा की फिल्म सीमा- द अनटोल्ड स्टोरी ने सिनेमाघरों में धूम मचा दी है। ये फिल्म 29 मार्च को रिलीज हुई। इस फिल्म में 1962 में चीन द्वारा किए गए आक्रमण के दौरान असम के तेजपुर के लोगों की स्थिति को दर्शाया गया है। इसमें दिखाया गया है कि उस समय किस तरह डर गए थे और उन्होंने अपना बचाव किस तरह से किया था।

बता दें कि, फिल्म निर्माता हिरेन बोरा का होमटाउन तेजपुर है और जिस समय ये आक्रमण हुआ था, उस समय बोरा 12 साल के थे। उस घटना को इन्होंने अपनी आँखों से देखा है। चीनी आक्रमण के लगभग 6 दशक बाद, बोरा ने इस फिल्म के जरिए उस समय के भयावह स्थिति को दिखाने का प्रयास किया है। हिरेन का कहना है कि इस फिल्म के जरिए उन्होंने उस तेजपुर को श्रद्धांजलि दी है, जहाँ पर उनका बचपन बीता है। इस फिल्म में निपॉन गोस्वामी, अरुण नाथ और जहाँआरा बेगम जैसे कलाकारों ने मुख्य किरदार निभाए हैं। वहीं, जाने-माने अभिनेता जॉर्ज बेकर ने ब्रिटिश पत्रकार विलियम स्मिथ की प्रमुख भूमिका निभाई है।

हिरेन 1962 की घटना को याद करते हुए कहते हैं कि हालाँकि तेजपुर से उनकी काफी यादें जुड़ी हैं, लेकिन एक ऐसी याद है जो वहाँ से दूर जाने के बाद आज भी उनके जेहन में जिंदा है। बोरा बताते हैं कि तेजपुर में उस समय हाहाकार मच गया, जब 1962 में असम के एक छोटे से शहर तेजपुर में युद्ध की आशंका पैदा हुई। चीनी सैनिक तेजी से भारत में अपना रास्ता बनाकर लगभग 150 किमी दूर बोमडिला पहुँच गए थे। हालाँकि चीन ने युद्धविराम की घोषणा कर दी, मगर लोगों के मन में भय पहले से ही पैदा हो गया था। जब स्थिति को काबू करने में प्रशासन भी असफल हो गई, तो लोगों ने युद्ध के डर से भागना शुरू कर दिया।

हिरेन बोरा बताते हैं कि उनके दादा जी ने अपने बेटों को परिवार के साथ वहाँ से निकलकर पास के नागाँव जाने के लिए कहा। मगर उन्होंने खुद वहाँ पर रहकर अपने शहर की रक्षा करने का फैसला किया। हिरेन कहते हैं कि उनके दादाजी इस दौरान अकेले नहीं थे। कुछ और भी लोग थे वहाँ पर, जिनमें से कुछ लोगों के पास तो बचने का विकल्प नहीं था, तो कुछ लोग तेजपुर से लगाव की वजह से वहाँ रुक गए थे। हिरेन को इस बात का अफसोस है कि 1962 का चीनी आक्रमण पूर्वोत्तर भारत के इतिहास में एक बहुत बड़ी घटना होने के बावजूद इसे ना तो लोकप्रिय संस्कृति में, ना ही किताबों में चित्रित किया गया और ना ही फिल्मों में दिखाया गया।  

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe