Saturday, September 21, 2024
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हॉन्गकॉन्ग-सिंगापुर में Everest और MDH के मसालों पर बैन, अब भारत ने दोनों देशों से माँगी रिपोर्ट: रिसर्च में दावा – कैंसर का ख़तरा

मंत्रालय ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग की खाद्य मानक एजेंसियों से भी इस विषय में सूचना माँगी है। देश में मसालों के विषय में निर्णय लेने वाले स्पाइस बोर्ड ने भी इस मामले में एक्शन लिया है, उसने कम्पनियों से इस मामले में स्पष्टीकरण माँगा है। बोर्ड ने कम्पनियों से पूछा है कि कया मानक पूरे किए गए थे।

भारतीय कम्पनियों MDH और एवरेस्ट के मसालों पर सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में प्रतिबंध के मामले में केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। मसाला प्रतिबन्ध मामले में भारत सरकार ने इन दोनों देशों की एजेंसियों से रिपोर्ट माँगी है। सरकार ने अपने दूतावासों से भी इस विषय में रिपोर्ट तलब की है। उधर एक कम्पनी ने दावा किया है कि उसके उत्पादों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा।

जानकारी के अनुसार, भारतीय कम्पनियों के कुछ मसालों में केमिकल पाए जाने की रिपोर्ट के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने एक्शन लिया है। उसने इन मसाला कम्पनियों समेत दोनों देशों में स्थित भारतीय दूतावासों से मसालों की जाँच रिपोर्ट भेजने को कहा है।

मंत्रालय ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग की खाद्य मानक एजेंसियों से भी इस विषय में सूचना माँगी है। देश में मसालों के विषय में निर्णय लेने वाले स्पाइस बोर्ड ने भी इस मामले में एक्शन लिया है, उसने कम्पनियों से इस मामले में स्पष्टीकरण माँगा है। बोर्ड ने कम्पनियों से पूछा है कि क्या मानक पूरे किए गए थे।

गौरतलब है कि हाल ही में यह खबर आई थी कि भारतीय मसाला कंपनी MDH और एवेरेस्ट के मसालों को हांगकांग और सिंगापुर में प्रतिबन्धित किया गया है। इनके ऊपर प्रतिबंध की वजह इनमें एक केमिकल का पाया जाना थी। यह केमिकल एथिलीन ऑक्साइड था। इससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।

एवेरेस्ट कम्पनी ने अपने उत्पादों पर प्रतिबन्ध की बात को झूठ कहा है। एवेरेस्ट ने कहा है कि उसके उत्पादों पर केवल तात्कालिक रोक लगाई गई है। यह रोक जाँच के लिए लगाई गई है। बताया जा रहा है कि अब भारत में भी FSSAI इन मसालों की जाँच करने जा रही है।

भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत में मसालों के बाजार का आकार लगभग ₹90,000 करोड़ है। भारत ने 2022-23 में ₹30,000 करोड़ से अधिक के मसालों का निर्यात विश्व भर में किया था। भारत के मसालों की माँग प्राचीन समय से रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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