Saturday, September 21, 2024
Homeविविध विषयभारत की बातज्ञानवापी में सिर्फ शिवलिंग ही नहीं, हनुमान जी की भी मूर्ति: अमेरिका के म्यूजियम...

ज्ञानवापी में सिर्फ शिवलिंग ही नहीं, हनुमान जी की भी मूर्ति: अमेरिका के म्यूजियम में 154 साल पुरानी तस्वीर, नंदी भी विराजमान

154 साल पहले ली गई इस तस्वीर को ध्यान से देखने पर इसमें भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान जी की मूर्ति के साथ ही घंटा टंगा दिखता है। इसके अलावा वहीं पर नंदी भी विराजमान दिखाए दे रहे हैं।

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी विवादित ढाँचे का सर्वे शुरू होने के बाद से नित नया खुलासा हो रहा है। अब तक ढाँचे के अंदर से शिवलिंग समेत कई अन्य प्रकार की कलाकृतियों के सबूत मिल चुके हैं। ताजा मामले में खुलासा हुआ है कि विवादित ढाँचे के अंदर से हनुमान जी की भी मूर्ति होने के सबूत मिले हैं। करीब 154 साल पुरानी तस्वीर से ये खुलासा हुआ है।

जी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1868 में ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बॉर्न ली ने ये फोटो खींची थी। जिस ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को मुस्लिम पक्ष मस्जिद बताकर उस पर अपना दावा करते हैं, ये रिपोर्ट उन दावों की पोल खोल देती है।

1868 में ली गई तस्वीर, फोटो साभार: getty.edu

दरअसल, 154 साल पहले ली गई इस तस्वीर को ध्यान से देखने पर इसमें भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान जी की मूर्ति के साथ ही घंटा टंगा दिखता है। इसके अलावा वहीं पर नंदी भी विराजमान दिखाए दे रहे हैं। तस्वीर में तीन खंबे भी दिख रहे हैं, जिनमें प्राचीन भारतीय शिल्पकला उकेरी दिख रही है।

ऊपर दिख रही तस्वीर को और भी बड़ा/भव्य/क्लियर देखना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं।

ज्ञानवापी की यह फोटो अब कहाँ?

गौरतलब है कि इस तस्वीर को ब्रिटिश फोटोग्राफर ने खींचा था। मौजूदा वक्त में यह अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित ‘द म्यूजियम ऑफ फाइन आर्ट्स में संभाल कर रखी गई है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद से विवादित ढाँचे पर हिन्दू पक्ष का दावा और अधिक मजबूत हो गया है।

ज्ञानवापी विवाद कब से?

वैसे तो ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद काफी लंबे वक्त से चला आ रहा है, लेकिन ताजा मामले में इसकी शुरुआत पाँच महिलाओं की याचिका से होती है। ये याचिका लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक राखी सिंह ने दायर की थी।

पाँचों महिलाओं ने ज्ञानवापी के अंदर श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत माँगी थी। इसी को लेकर वाराणसी कोर्ट ने विवादित ढाँचे के सर्वे का आदेश दिया। इस आदेश के बाद शुरू हुए सर्वे से एक-एक कर चौंकाने वाली सच्चाई सामने आने लगी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अब फैक्टचेक नहीं कर सकती केंद्र सरकार: जानिए क्या है IT संशोधन नियम 2023 जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने बताया ‘असंवैधानिक’, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता...

सोशल मीडिया और ऑनलाइन तथ्यों की जाँच के लिए केंद्र द्वारा फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने को बॉम्बे हाई कोर्ट ने संविधान का उल्लंघन बताया।

बेटे की सरकार में तिरुपति की रसोई में ‘बीफ की घुसपैठ’, कॉन्ग्रेस पिता के शासन में इसी मंदिर में क्रॉस वाले स्तंभ पर हुआ...

तिरुपति लड्डू से पहले 2007 में आरोप लगाया गया था कि TTD ने मंदिर के एक उत्सव के लिए जिन स्तम्भ का ऑर्डर दिया है, वह क्रॉस जैसे दिखते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -