Saturday, October 5, 2024
Homeविविध विषयअन्यजहाँगीर ने काट डाले थे जिसके 2 बेटों के सिर... उस रहीम के मकबरे...

जहाँगीर ने काट डाले थे जिसके 2 बेटों के सिर… उस रहीम के मकबरे का 3000 मिस्त्री और 1.75 लाख घंटों में हुआ मरम्मत

रहीम जब बूढ़े हुए तो जहाँगीर ने अपने आदमियों से उसके पास 'खरबूजा' भेजा। 70 साल के बाप ने रूमाल हटाया तो वहाँ खरबूजा नहीं, उसके बेटे का सिर था।

आगरा के ताजमहल के बारे में तो सभी को पता है, जिसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। लेकिन, उससे 5 दशक पहले ही अकबर के सेनापति और कवि अब्दुर रहीम खान-ए-खाना ने दिल्ली में अपनी बीवी माह बनु की याद में एक मकबरे का निर्माण करवाया था।

ये पहला ऐसा मुग़ल मकबरा था, जिसे किसी महिला की याद में बनवाया गया हो। जब रहीम की 1627 में मौत हो गई तो उसे भी यहीं उसकी बीवी के बगल में इसी मकबरे में दफनाया गया, जिसकी अब मरम्मत हुई है। ठीक उसी तरह, जैसे ताजमहल में मुमताज की कब्र के बगल में शाहजहाँ की कब्र है।

पिछले 6 वर्षों से रहीम के मकबरे में मरम्मत का कामकाज चल रहा था, जिसके बाद उसे इस सप्ताह खोल दिया गया है। भारत में राष्ट्रीय महत्व के किसी मकबरे को संरक्षित करने के लिए शायद ये सबसे लंबा मरम्मत कार्य चला होगा। रहीम के इस मकबरे के बारे में कहा जाता है कि ताजमहल की संरचना भी इससे ही प्रभावित थी, लेकिन जनता इससे दूर ही रही।

2014 में इंटरग्लोब फाउंडेशन ने आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर (AKTC) के साथ मिल कर ‘रहीम के मकबरे के संरक्षण’ को अपना समर्थन दिया। ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के साथ विमर्श के बाद इसके संरक्षण की रूपरेखा तैयार की गई। AKTC के CEO रतीश नंदा का कहना है कि उस समय ये मकबरा तुरंत ध्वस्त होने की स्थिति में था। इसके गुम्बद से लेकर अंदर और बाहर की संरचनाओं की मरम्मत की गई।

रहीम से जुड़े साहित्यों और रिसर्च के हिसाब से इसे तैयार करने के क्रम में इसके आसपास के इलाके को भी उसी हिसाब से तैयार किया गया। रहीम की युद्धकला, उनकी भक्ति और उनके लिखे साहित्यों के अध्ययन और उस पर रिसर्च के लिए एक टीम तैयार की गई। लगभग 3000 मिस्त्री, मजदूरों और डिजाइनरों ने 1.75 लाख घंटे इसकी मरम्मत पर खर्च किए, तब जाकर अब ये जनता के लिए खुल पाया है।

AKTC चाहता था कि इसके पूरे गुम्बद को संगमरमर का बनाया जाए, ताकि मुगलकालीन शोभा को आज के जमाने में देखी जा सके, लेकिन ASI ने आंशिक रूप से ही मार्बल के इस्तेमाल को मंजूरी दी। रहीम ने एक वाटर सप्लाई सिस्टम भी तैयार किया था। हिंदुत्व को लेकर उनकी समझ भी अच्छी थी। ऐसे में उनके इंजीनियर होने और हिन्दू धर्म के प्रति उनकी श्रद्धा को भी ध्यान में रखा गया है, ऐसा मरम्मत का कामकाज देखने वालों का कहना है।

रहीम, मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक बैरम खान के बेटे थे। बैरम खान की मौत के बाद उसकी दूसरी पत्नी से अकबर ने शादी कर ली। इस हिसाब से रहीम अकबर के सौतेले बेटे भी हुए। अकबर के नवरत्नों में उनका भी नाम था। रहीम के दो बेटों को जहाँगीर ने मार डाला था, क्योंकि वो उसकी ताजपोशी के पक्ष में नहीं थे। कई दोहे लिखने वाले रहीम ने बाबरनामा का फारसी में अनुवाद किया। संस्कृत पर उनकी अच्छी पकड़ थी।

कहा जाता है कि राणा प्रताप के बेटे अमर सिंह ने रहीम को उसके परिवार के महिलाओं सहित धर लिया था। जब उन्हें मेवाड़ के दरबार में पेश किया गया तो प्रताप ने आदेश दिया कि इस कवि को तुरंत परिवार सहित रिहा किया जाए और उचित सम्मान दिया जाए। इसके बाद रहीम ने भी राणा प्रताप की प्रशंसा की। वही रहीम जब बूढ़े हुए तो जहाँगीर ने अपने आदमियों से उसके पास ‘खरबूजा’ भेजा। 70 साल के बाप ने रूमाल हटाया तो वहाँ खरबूजा नहीं, उसके बेटे का सिर था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

भाई अदनान शेख ने मेरे प्राइवेट पार्ट पर मारा, हिन्दू लड़की से किया निकाह: बहन इफ्फत ने खोली Bigg Boss वाले की पोल

इन्स्टाग्राम इन्फ्लुएंसर अदनान शेख की बहन इफ्फत ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अदनान की बहन ने एक इंटरव्यू के दौरान कई बातों का खुलासा किया है।

शौहर पाकिस्तानी, बीवी बांग्लादेशी… कर्नाटक में हिंदू नाम रख YouTube पर देता था इस्लामी ज्ञान, गाजियाबाद में रामलीला करने वाले 3 मुस्लिम गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की दो अलग-अलग घटनाओं ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और मजहबी पहचान छिपाकर भारत में रहने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -