भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हालिया हार के बाद टीम की प्रदर्शन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए कुछ कड़े नियम बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार हार के बाद शनिवार (11 जनवरी 2025) को मुंबई में बीसीसीआई की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिए गए। इस बैठक में कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच अजित अगरकर और बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के परिवार की उपस्थिति सीमित कर दी गई है। यदि दौरा 45 दिनों से अधिक लंबा है, तो खिलाड़ी के परिवार केवल 14 दिनों के लिए उनके साथ रह सकते हैं। छोटे दौरों के लिए यह सीमा सात दिनों की होगी। बीसीसीआई का मानना है कि खिलाड़ियों के साथ परिवार की लंबी उपस्थिति उनके प्रदर्शन को प्रभावित करती है, इसलिए यह सख्त कदम उठाया गया है।
🔥अब पूरे दौरे में क्रिकेटरों के साथ नहीं रह सकेंगी पत्नियां
— Abhishek Tripathi / अभिषेक त्रिपाठी (@abhishereporter) January 14, 2025
🔥टीम के प्रदर्शन के सुधार के लिए बीसीसीआइ बना रहा नई गाइडलाइन
🔥45 दिन के विदेश दौरे में अधिकतम दो सप्ताह साथ रह सकेगा किसी क्रिकेटर का परिवार
🔥मुख्य कोच के साथ रहने वाले मैनेजर को लेकर भी तय किए गए नियम
🔥सभी खिलाड़ी… pic.twitter.com/CYVxwIuomy
इसके अलावा, सभी खिलाड़ियों को अब टीम बस से ही यात्रा करनी होगी। पहले कुछ खिलाड़ी निजी वाहनों या अन्य साधनों से सफर करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। चाहे खिलाड़ी कितना भी बड़ा हो, उसे टीम बस का ही उपयोग करना होगा। बीसीसीआई का कहना है कि यह कदम टीम की एकता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। बता दें कि बीते वर्ल्ड कप के दौरान कप्तान रोहित शर्मा पर ओवरस्पीडिंग के आरोप लगे थे और उनका चालान भी कटा था।
सहयोगी स्टाफ के कार्यकाल को लेकर भी नई नीति बनाई गई है। अब किसी भी स्टाफ का कार्यकाल दो साल तक सीमित होगा। प्रदर्शन के आधार पर इसे एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। यही नहीं, बीसीसीआई की ओर से गौतम गंभीर के निजी मैनेजर गौरव अरोड़ा पर भी सख्ती बरती गई है। अब मुख्य कोच के निजी मैनेजर टीम होटल में नहीं रुक सकेंगे और न ही वीआईपी बस में सफर कर पाएँगे।
खिलाड़ियों के अतिरिक्त खर्चों को लेकर भी सख्ती बरती गई है। अब हवाई यात्रा के दौरान अगर किसी खिलाड़ी का सामान तय सीमा (150 किलोग्राम) से अधिक होगा, तो उसका खर्च खुद खिलाड़ी को उठाना होगा। बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि ऐसे नियम लागू करने का उद्देश्य खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारना और टीम के भीतर एकजुटता बनाए रखना है।
इन सख्त दिशा-निर्देशों से यह साफ है कि बीसीसीआई अब प्रदर्शन में कोई भी कमी बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। टीम के भीतर अनुशासन और एकता लाने के लिए ये फैसले लागू किए गए हैं।