सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना अब देश के नए मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 11 नवंबर 2024 ही देश के 51वें सीजेआई के तौर पर पद की शपथ ली। उनके मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद लोग उनके जीवन की उपलब्धियाँ, पारिवारिक बैकग्राउंड, उनकी शिक्षा, करियर के अलावा उनसे जुड़े एक ऐसे किस्से की चर्चा कर रहे हैं जो बेहद भावुक करने वाला है।
ये किस्सा सीजेआई के पुराने घर से जुड़ा है जिसे आज भी वो अमृतसर जाने के बाद को तलाशते हैं और जो उनको बहुत ढूँढने पर भी नहीं मिलता।
बता दें कि संजीव खन्ना के किसी करीबी ने इस किस्से का खुलासा किया था और अब उनके सीजेआई बनने के बाद हर जगह इस पर बात हो रही है। संजीव खन्ना का वो पुराना घर उनके बाऊजी यानी दादाजी सरव दयाल ने कटरा शेर सिंह में खरीदा था। लेकिन अब चूँकि इलाका बदल गया है तो वो उस घर को नहीं पहचान पाते।
जानकारी के मुताबिक, सीजेआई खन्ना के दादा एक मशहूर वकील थे। साथ ही 1919 के जलियांवाला बाग कांड के लिए गठित कॉन्ग्रेस की कमेटी में भी वो शामिल थे। उस जमाने में उन्होंने दो घर खरीदे थे। एक घर तो डलहौजी में था और दूसरा अमृतसर के कटरा शेर सिंह में।
डलहौजी वाला घर आज भी संजीव खन्ना ने संभालकर रखा है। वहाँ वह छुट्टियों में जाते भी है। मगर कटरा शेर सिंह वाला घर अब केवल यादों में है। स्वतंत्रता के समय 1947 में जब कटरा शेर सिंह वाले घर में तोड़फोड़ हुई तो उस घर को दोबारा से ठीक कराया। बाद में उनके बेटे देवराज खन्ना अपने पाँच साल के बेटे संजीव खन्ना को वहाँ लेकर गए और एक निशानी जिसपर बाऊजी लिखा था उसे लेकर भी आए।
बाद में 1970 के समय अमृतसर का वो घर बेच दिया गया। लेकिन सीजेआई खन्ना की स्मृतियों से वो घर नहीं निकला। आज भी जब संजीव खन्ना अमृतसर जाते हैं तो कटरा शेर सिंह जरूर जाते हैं और कोशिश करते हैं वो उसी घर को पहचान सकें। मगर नक्शा बदलने के बाद अब कुछ याद नहीं आता।