भारतीय नौसेना के जवान केवल भारतीय सीमा की ही सुरक्षा के लिए तट पर नहीं रहते हैं बल्कि भारत से कई किलोमीटर दूर देशों में भी अपने पराक्रम का परचम लहराते हैं। इसका हालिया उदाहरण इस समय मोजाम्बिक में देखने को मिल रहा है। यहाँ पर भारतीय नौसेना के जवान खतरनाक चक्रवात का सामना कर रहे लोगों के लिए किसी मसीहे की तरह बनकर पहुँचे हैं।
विदेश मंत्रालय ने खुद अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है कि मोजाम्बिक में राहत अभियान के चलते अब तक भारतीय सेना के लोगों ने वहाँ के 192 लोगों की जान को सुरक्षित बचा लिया है और अपने चिकित्सकीय शिविरों में ले जाकर 1,381 लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सहायता दी है।
#MozambiqueFloods2019
— newsblunt (@newsbluntmedia) March 24, 2019
:#IndianNavy rescues over 192 people in cyclone-hit #Mozambique
The Indian Navy has rescued more than 192 people in the Cyclone Idai-hit #Mozambique and provided assistance to 1,381 people in medical camps set up by it. pic.twitter.com/dRdF5ZOLAl
विदेश मंत्रालय ने बताया कि मोजाम्बिक के आग्रह पर भारत ने तत्काल कार्रवाई की और नौसेना की तीन पोतों (आईएनएस सुजाता, आईएनएस सारथी और आईएनएस शारदुल) को बीरा बंदरगाह भेज दिया। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया कि अब तक नौसेना के जवानों द्वारा 192 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है। साथ ही 1381 लोगों को मेडिकल मदद भी मुहैया कराई जा चुकी है।
इसके साथ ही देश की नौसेना ने भयानक चक्रवात से 36 भारतीयों को भी राहत दी है। इस चक्रवात में अधिकांश मौतें बीरा शहर में हुई हैं। यहाँ बिजली लाइनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बंदरगाह हब और सोफाला प्रांत की लाइटें लगभग कट गई हैं। हवाई अड्डों को भी बंद कर दिया गया है।
#IndianNavy has rescued more than 192 people and provided humanitarian assistance to more than 1381 people in cyclone hit #Mozambique. @indiannavy sent three ships immediately in response of a request from the country. Another ship also has been sent with relief materiels. pic.twitter.com/S8JdOjtxEv
— Indian Defence (@IndianDefenceRA) March 24, 2019
बता दें पिछले शुक्रवार (मार्च 15, 2019) को मध्य मोजाम्बिक के तट से चक्रवात टकराने के कारण वहाँ तेज हवाएँ चलने लगीं थीं और भारी बारिश भी शुरू हो गई थी। इस प्राकृतिक आपदा ने देश से एक हिस्से को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया और कई हजार किमी तक का क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गया। अब तक इस चक्रवात से मरने वालों की संख्या लगभग 676 हो चुकी है। इसके अलावा मोजाम्बिक के क़रीब 90000 लोगों को आश्रय स्थलों में ले जाया गया है, जबकि हजारों अन्य बाढ़ के पानी में फँसे हुए हैं। बता दें कि भारत समेत यहाँ अन्य देशों ने भी राहत पहुँचाने का प्रयास किया है।