Monday, November 18, 2024
Homeविविध विषयअन्य'कश्मीर पर भारत का कब्जा' - JNU में चर्चा के लिए वामपंथियों का टॉपिक:...

‘कश्मीर पर भारत का कब्जा’ – JNU में चर्चा के लिए वामपंथियों का टॉपिक: ABVP ने जलाए पोस्टर, एक्शन में प्रशासन

जेएनयू के वीसी ने बताया कि ऐसे आयोजन के लिए परमिशन नहीं माँगी गई थी। ये बहुत आपत्तिजनक और भड़काऊ है। ये देश की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाता है।

अक्सर विवादित आयोजनों के कारण चर्चा में रहने वाली जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी अब एक बार फिर खबरों में हैं। इस बार वजह है कश्मीर पर आयोजित होने वाला एक वेबिनार, जिसमें कश्मीर को- ‘इंडियन ऑक्यूपेशन इन कश्मीर (कश्मीर में भारत का कब्जा)’ बताया गया था। ये कार्यक्रम सेंटर फॉर वीमेंस स्टडीज आयोजित करवा रहा था। लेकिन वहाँ के एबीवीपी छात्रों ने इसका जमकर विरोध किया और प्रशासन ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही इसे रद्द कर दिया।

जेएनयू प्रशासन की ओर से जारी नोटिस में कहा गया, “इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी। इसमें ‘Indian occupation in Kashmir’ जो शब्द लिखा गया है वह बेहद आपत्तिजनक है और प्रशासन इसकी निंदा करता है। साथ ही पूरे मामले को लेकर जाँच करने के लिए देता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा, “जैसे ही हमारे संज्ञान में आया कि एक ऑनलाइन वेबिनार जिसका नाम- ‘जेंडर रेजिस्टेंस एंड फ्रेश चैलेंज इन पोस्ट-2019’ है और जिसे सेंटर फॉर वीमेंस स्टडीज द्वारा शुक्रवार को 8:30 बजे आयोजित किया जाना था, हमने तुरंत उसे रुकवाया।” वीसी ने बताया कि ऐसे आयोजन के लिए परमिशन नहीं माँगी गई थी। ये बहुत आपत्तिजनक और भड़काऊ है। ये देश की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाता है। जेएनयू ऐसे विवादस्पद वेबिनारों के लिए प्लेटफॉर्म नहीं बन सकता। मामले में जाँच चल रही है।

बता दें कि सेंटर फॉर वीमेंस स्टडीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम का विरोध जेएनयू के फैकल्टी मेंबर द्वारा भी किया गया था। वहाँ एबीवीपी के छात्रों ने कार्यक्रम के पोस्टरों की प्रतियों को जलाकर अपना विरोध जताया। उन्होंने पोस्टर में इस्तेमाल हुए शब्दों को राष्ट्र विरोधी कहा। साथ ही इस मामले में कानूनी कार्रवाई की माँग की। उन्होंने कहा कि जेएनयू के कम्युनिस्ट गिरोह कश्मीर की अस्थिरता के लिए हमेशा अपना प्रोपेगैंडा’ जारी रखते हैं।

एबीवीपी-जेएनयू सचिव रोहित कुमार ने कहा, “हम महिला अध्ययन केंद्र की अध्यक्ष, संबंधित संकायों और जेएनयू रजिस्ट्रार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की माँग करते हैं, जिन्होंने कार्यक्रम की अनुमति दी थी और जिन्होंने इस तरह के वेबिनार का आयोजन तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर किया है।”

एबीवीपी जेएनयू ने उन लोगों के खिलाफ़ माँग की जो केंद्र द्वारा आयोजित इस वेबिनार की आयोजन टीम का हिस्सा रहे हैं। एबीपी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि 6 फरवरी, 2016 को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कम्युनिस्टों द्वारा आयोजित राष्ट्र-विरोधी कार्यक्रम की याद दिलाते हुए, भारत की संप्रभुता को कमजोर करने वाला एक और कार्यक्रम भारत के सामाजिक विज्ञान स्कूल में महिला अध्ययन केंद्र में सामने आया है। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस जमीन पर दशकों से रह रहे, पास में है दस्तावेज भी… उन जमीनों पर भी वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा: केरल के वायनाड...

तलापुझा गाँव के लोगों भेजे गए नोटिस में वक्फ संपत्ति के अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

1 किमी में 4 मस्जिद, प्रशासन ने भी माना नमाज के लिए एक और इमारत की जरूरत नहीं; लेकिन जस्टिस मोहम्मद नियास ने ‘सुन्नी...

केरल हाई कोर्ट ने कोझिकोड में सुन्नी सेंटर में नमाज आयोजित करने के लिए NOC ना दिए जाने के फैसले को रद्द कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -