लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण का प्रचार थम चुका है। लेकिन धनबल का हंगामा जारी है। अच्छी बात यह है कि मतदाताओं को बरगलाने से पहले ही इस पर अंकुश लगा दिया गया। आँकड़े तो यही कहते हैं। 2014 के चुनावों के मुक़ाबले नकद बरामदगी में इस बार अब तक 156.3% का इज़ाफ़ा हुआ है।
सात चरणों में सम्पन्न होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 की शुरुआत 11 अप्रैल से हो गई थी। आँकड़े के अनुसार अब तक देश भर से कुल ₹778.9 करोड़ की नकद राशि ज़ब्त की जा चुकी है। पिछले लोकसभा चुनाव की बात की जाए, तो 2014 के चुनावों के अंत तक ज़ब्त होने वाली राशि ₹303.86 करोड़ थी।
निर्वाचन आयोग द्वारा प्रतिदिन अपडेट किए जाने वाले आँकड़ों के मुताबिक अब तक ₹3205.72 करोड़ की बरामदगी को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें नकदी, शराब, ड्रग्स मादक पदार्थ, सोना और अन्य कीमती वस्तुएँ शामिल हैं।
ख़बर के अनुसार, 2014 में अधिकारियों द्वारा ज़ब्त की गई सामग्रियों में सोना और अन्य क़ीमती धातुएँ सूची में शामिल नहीं थीं। जबकि इस बार न सिर्फ नगद बल्कि शराब से लेकर हर उस चीज पर आयोग की नजर है, जिससे मतदाता को प्रभावित किया जा सकता है।
ज़ब्त किए सोने के आधार पर तमिलनाडु, ₹708.71 करोड़ के 3,063 किलोग्राम सोने के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर था, जहाँ 1,263 किलो सोना जब्त हुआ है। आख़िर में उत्तर प्रदेश है, जहाँ यह आंकड़ा 709 किलोग्राम सोने के साथ है।
ज़ब्त की गई नगद राशि की बात करें तो तमिलनाडु में ₹215.14 करोड़ की नकदी बरामद की गई। यह अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है। आंध्र प्रदेश में ₹137.27 करोड़ और तेलंगाना में ₹68.82 करोड़ नकदी बरामद की गई।
इसके अलावा, इस वर्ष ₹1185.4 करोड़ के 62 मीट्रिक टन ड्रग्स और नशीले पदार्थ भी ज़ब्त किए गए। इनमें 19.4 टन के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।
2019 लोकसभा चुनावों के दौरान अब तक 132.6 लाख लीटर शराब ज़ब्त की जा चुकी है। महाराष्ट्र में ₹25.24 करोड़ क़ीमत की 32.24 लाख लीटर, उत्तर प्रदेश 15.54 लाख लीटर और पश्चिम बंगाल में 14.06 लाख लीटर शराब ज़ब्त की गई। जबकि, 2014 में ज़ब्त की गई शराब की कुल मात्रा 65 लाख लीटर थी।
देश में सात चरणों में सम्पन्न होने वाली मतदान प्रक्रिया अभी जारी है, इसलिए यह मात्रा और अधिक बढ़ सकती है। 2014 में 7.64 टन ड्रग्स ज़ब्त किए गए थे।