Friday, April 26, 2024
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दो दिन चला एससीओ का सैन्य कॉन्फ्रेंस, पाकिस्तान के कमांडर केवल खाने पहुॅंचे

नस्लीय और धार्मिक कट्टरपंथ से निपटने और व्यापार-निवेश को बढ़ाना देना एससीओ का मकसद है। भारत सहित आठ देश इसके सदस्य हैं। इनमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान शामिल है।

पाकिस्तान के नेता हों या सैनिक खुद की किरकिरी कराने का कोई मौका नहीं छोड़ते। ऐसा ही एक कारनामा पाकिस्तानी सैन्य कमांडरो ने दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में कर दिखाया। मिलिटरी मेडिसिन पर दो दिन चले इस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने शिरकत नहीं की लेकिन दूसरे दिन उसके प्रतिनिधि डिनर करने पहुॅंच गए।

सूत्रों ने बताया, “पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने शंघाई सहयोग संगठन के दो दिवसीय मिलिटरी मेडिसिन कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया और सिर्फ गुरुवार को आयोजित में डिनर में पहुँचे। इस सम्मेलन के पहले दिन 27 विदेशी और 40 भारतीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।”

नस्लीय और धार्मिक कट्टरपंथ से निपटने और व्यापार-निवेश को बढ़ाना देना एससीओ का मकसद है। भारत सहित आठ देश इसके सदस्य हैं। इनमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान शामिल है। कुछ मुल्क ऑब्जर्वर देश और कुछ डायलॉग सहयोगी के तौर पर भी इससे जुड़े हैं।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट भरी प्रतिक्रिया दे रहा है। इसके बावजूद एससीओ के कॉन्फ्रेंस में उसे आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन की शुरुआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैव आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि आज यह वास्तविक खतरा है सशस्त्र बलों तथा उनकी चिकित्सा सेवाओं को इससे मुकाबले के लिए आगे रहने की जरूरत है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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