कोविड-19 से उबरने के बाद लंबे समय तक लोगों में कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ नजर आ सकती हैं लेकिन एक हालिया स्टडी में पता चला है कि कोरोना वायरस पुरुषों के पेनिस पर भी असर डाल रहा है। कोविड की वजह से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) की समस्या पैदा हो रही है, जो लंबे समय तक उनकी यौन क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के शोधकर्ताओं द्वारा वर्ल्ड जनरल ऑफ मेंस हेल्थ में प्रकाशित शोध के मुताबिक कोरोना वायरस पुरुषों के पेनिस पर भी असर डाल रहा है। शोधकर्ताओं ने कोविड से संक्रमित हो चुके और इससे संक्रमित न होने वाले पुरुषों की ऊतक संरचना में भी अंतर पाया।
रिसर्च के मुताबिक, कोविड खून की नसों को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे शरीर के कई हिस्सों में खून की सप्लाई को नुकसान पहुंच सकता है, जिनमें पेनिस में स्पंज जैसे ऊतक भी शामिल हैं।
कोविड संक्रमित होने के बाद पुरुषों में दिखी नपुंसकता की समस्या
यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिप्रोडक्टिव यूरोलॉजी प्रोग्राम के एसोसिएट प्रोफेसर और निदेशक रंजीथ रामासामी ने इस स्टडी का नेतृत्व किया। रामासामी ने कहा, “हमने देखा है कि पुरुष कोविड से संक्रमित होने के बाद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) की शिकायत करने लगे हैं।” उन्होंने कहा कि नपुंसकता “वायरस का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है”।
शोधकर्ताओं ने दो ऐसे पुरुषों पर शोध किया जिन्हें 6-8 महीने पहले कोविड हो चुका था। कोविड प्रभावित इन दोनों में से एक वायरस की वजह से अस्पताल में भर्ती हो चुका था जबकि दूसरे में कोरोना के हल्के लक्षण थे, लेकिन इनमें से किसी को कभी इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन (नपुंसकता) की शिकायत नहीं थी।
शोधकर्ताओं को कोविड संक्रमित दो पुरुषों के लिंग के ऊतक में वायरस के अवशेष दिखाई दिए। डॉ. रामासामी ने कहा: “हमारे पायलट अध्ययन में, हमने पाया कि जो पुरुष पहले इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन (नपुंसकता) की शिकायत नहीं करते थे, उन्हें कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत के बाद बहुत गंभीर इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन (नपुंसकता) की समस्या विकसित हो गई।”
कोविड-19 से रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान को एंडोथेलियल डिसफंक्शन के रूप में जाना जाता है। रामासामी ने कहा, “कोविड वायरस एंडोथेलियल कोशिकाओं में मौजूद होता है, जो पेनिस को रक्त की आपूर्ति करता है,। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि वायरस पेनिस में रक्त के प्रवाह को प्रभावित कर रहा है, जिससे नपुंसकता हो रही है।”
रामासामी ने कहा कि कोविड संक्रमित होने के बाद अगर किसी को भी इरेक्टाइल डिसइंफेक्शन (नपुंसकता) की समस्या नजर आए तो इसे अस्थाई मानकर टालने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है, क्योंकि ये समस्या लंबे समय तक या हमेशा के लिए बनी रह सकती है।