Thursday, March 28, 2024
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ऑपइंडिया एक्सक्लूसिव: 400 Gb/s की इंटरनेट स्पीड, इस समुद्री केबल से बदलेगी अंडमान-निकोबार की तस्वीर

फोटो के साथ-साथ ऑपइंडिया के हाथ कुछ एक्सक्यूसिव डिटेल्स भी लगे हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि इस केबल की खासियत क्या है और इससे अंडमान-निकोबार में क्या बदलाव आएँगे।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार (अगस्त 10, 2020) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाले पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) की शुरुआत की और उसे राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को पोर्ट ब्लेयर में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी से द्वीप समूह में अनगिनत अवसर पैदा होंगे। 2300 किलोमीटर की पनडुब्बी केबल बिछाने और इसे निर्धारित लक्ष्य से पहले पूरा करना बेहद प्रशंसनीय है।

गोताखोरों की मदद से अंडमान-निकोबार में बिछाया जा रहा समुद्री इंटरनेट केबल

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक समुद्र के नीचे इंटरनेट केबल: एक्सक्लूसिव डिटेल्स

उसी दिन चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर, पोर्ट ब्लेयर से लिटिल अंडमान और पोर्ट ब्लेयर से स्वराज द्वीप तक प्रमुख द्वीपों पर शुरू हुई। पीएम मोदी ने 2300 किलोमीटर तक केबल बिछाने की प्रशंसा करते हुए कहा कि केबल की गुणवत्ता बनाए रखना और विशेष जहाजों के साथ केबल बिछाना कोई आसान काम नहीं है। ऑपइंडिया के पास समुद्र के बीच बिछाए जा रहे केबल की कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें हैं, जिन्हें आप इस लेख में देख सकते हैं।

वो जहाज जिसकी मदद से अंडमान-निकोबार में बिछाया गया समुद्री इंटरनेट केबल

साथ ही ऑपइंडिया के हाथ कुछ एक्सक्यूसिव डिटेल्स भी लगे हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि इस केबल की खासियत क्या है और इससे अंडमान-निकोबार में क्या बदलाव आएँगे। मोदी सरकार लद्दाख, उत्तर-पूर्वी भारत और दक्षिण के द्वीप समूहों पर ध्यान दे रही है, जो विकास के दौर में पीछे छूट गए थे।

अंडमान-निकोबार में समुद्री इंटरनेट केबल बिछाने की प्रक्रिया में गोताखोर

चेन्नई-अंडमान निकोबार ‘अंडर से इंटरनेट केबल प्रोजेक्ट’ के बारे में नीचे इन बिंदुओं से समझिए:

  • चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर केबीच 2313 किलोमीटर का समुद्री केबल बिछाया जाएगा।
  • पोर्ट ब्लेयर के अलावे अंडमान-निकोबार के 7 द्वीपों (स्वराज द्वीप, लॉन्ग आइलैंड, रंगत, लिटिल अंडमान, कमोर्टा, कार निकोबार और ग्रेटर निकोबार) को इससे कनेक्ट किया गया है।
  • पोर्ट ब्लेयर तक 400 GB प्रति सेकंड की इंटरनेट स्पीड दी जाएगी। बाकी द्वीपों के लिए गति इसकी आधी, अर्थात 200 GB प्रति सेकंड होगी।
  • समुद्र के नीचे केबल बिछाने का काम बीएसएनएल ने किया है। कम्पनी ने ये काम रिकॉर्ड 24 महीने में पूरा किया।
  • OFC कनेक्टिविटी के कारण इन द्वीप समूहों पर 4G कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आने वाला है।
  • टेली-एजुकेशन और टेली-हेल्थ जैसी अन्य ई-गवर्नेंस सुविधाओं में उछाल आएगा। पर्यटन सुविधाओं का विस्तार होगा।
समुद्री इंटरनेट केबल का कुछ हिस्सा जमीन के नीचे भी

अंडमान-निकोबार समुद्री केबल पर क्या कहा था पीएम मोदी ने?

पीएम मोदी ने कहा था कि इस परियोजना से ऊँची प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को इसकी वर्षों से आवश्यकता थी, लेकिन इसे पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने इस तरह की बड़ी चुनौतियों के बावजूद इस परियोजना को पूरा करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। लहरों, तूफानों और मॉनसून जैसी चुनौतियों और कोरोना महामारी जैसे कठिन समय से निपटा जा सकेगा।

अंडमान-निकोबार में बिछाए जा रहे समुद्री इंटरनेट केबल कार्य का निरीक्षण करते केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लोगों को बेहतर और सस्ती कनेक्टिविटी प्रदान करना देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने उन सभी को बधाई दी जो परियोजना से जुड़े थे। साथ ही कहा कि पनडुब्बी केबल यह साबित करने का एक प्रयास है कि अंडमान और निकोबार द्वीप दिल्ली से और मुख्य भूमि के दिल से दूर नहीं है। पीएम मोदी ने आश्वस्त किया कि सरकार प्रत्‍येक नागरिक और प्रत्‍येक क्षेत्र को आधुनिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जीवन जीने की बेहतर सुविधा मिल सके।

उन्होंने कहा कि यह ऑप्टिकल फाइबर परियोजना, जो अंडमान निकोबार द्वीप समूह को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है, वह नागरिकों के आसान जीवन जीने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है। सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सीमावर्ती क्षेत्रों और द्वीप राज्यों के त्वरित विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पनडुब्बी केबल अंडमान और निकोबार की सस्ती और बेहतर कनेक्टिविटी तथा डिजिटल इंडिया के सभी लाभों को प्राप्त करने में मदद करेगी।

अंडमान-निकोबार में समुद्री इंटरनेट केबल बिछाने में मदद करने वाला एक और जहाज

विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षा, टेली-मेडिसिन, बैंकिंग प्रणाली, ऑनलाइन ट्रेडिंग में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देने में ये सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंद महासागर हजारों वर्षों से भारत के व्यापार और रणनीतिक कौशल का केंद्र रहा है तथा अंडमान और निकोबार भारत के आर्थिक-सामरिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।

समुद्र के अंदर तकनीकी पहलुओं की जाँच करता गोताखोर

भारत के सभी द्वीप भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत की नई व्यापार रणनीति के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।

थल से लेकर जल और समुद्र की गहराइयों तक बिछाया जा रहा इंटरनेट केबल

एक्ट-ईस्ट नीति के तहत, पूर्वी एशियाई देशों और समुद्र से जुड़े अन्‍य देशों के साथ भारत के मजबूत संबंधों में अंडमान और निकोबार की भूमिका बहुत अधिक है और यह आने वाले समय में और बढ़ेगी। द्वीप विकास एजेंसी का गठन 3 वर्ष पूर्व अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए किया गया था। बकौल पीएम मोदी, अंडमान और निकोबार में जो परियोजनाएँ वर्षों से पूरी नहीं हुई थीं, वे अब तेजी से पूरी हो रही हैं।

मानव चेन बनाकर बिछाया जा रहा इंटरनेट केबल

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार के 12 द्वीपों में अत्‍यधिक प्रभाव वाली परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है। साथ ही जानकारी दी कि बेहतर इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी प्रदान करने के अलावा, सड़क, वायु और जलमार्ग के जरिए वास्‍तविक संपर्क को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उत्तर और मध्य अंडमान की सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए दो प्रमुख पुलों और राष्‍ट्रीय राजमार्ग नम्‍बर-4 पर चल रहे कार्य का उल्लेख किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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