Saturday, April 27, 2024
Homeविविध विषयविज्ञान और प्रौद्योगिकीब्रेन डेड मानव के शरीर में लगाई सुअर की किडनी, महीने भर से कर...

ब्रेन डेड मानव के शरीर में लगाई सुअर की किडनी, महीने भर से कर रहा काम: ट्रांसप्लांट की दुनिया बदलने की जगी उम्मीद

यह ट्रांसप्लांटेशन अभी प्रायोगिक चरण में है लेकिन महीने भर से ज़्यादा समय तक किडनी का सामान्य  तरीके से काम करना एक उम्मीद जगाती है। वहीं, चिकित्सा विज्ञानी भी इस नई उपलब्धि से उत्साहित हैं, क्योंकि किडनी के लिए प्रतीक्षा करते मरीजों को की संख्या पूरी दुनिया में बहुत ज़्यादा है।

चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। सुअर की किडनी को इंसान के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया था और यह सफलतापूर्वक काम कर रहा है। दरअसल, किडनी ट्रांसप्लांट का यह सफल ऑपरेशन 57 वर्षीय एक ब्रेन डेड व्यक्ति में किया गया है। वहीं, चिकित्सा जगत की इस उपलब्धि से किडनी के मरीजों में उम्मीद की नई किरण दिखी है। 

एनवाईयू लैंगोन हेल्थ (NYU Langone Health ) के सर्जनों ने बुधवार (16 अगस्त 2023) को जानकारी दी कि आनुवंशिक रूप से परिवर्तित सुअर की किडनी ब्रेन डेड व्यक्ति में प्रत्यारोपित की गई थी, जो 32 दिनों तक काम करती रही। इस सफल प्रत्यारोपण के बाद मनुष्यों में जानवरों के अंगों के संभावित प्रत्यारोपण की दिशा में एक प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।

वाशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि सुअर की किडनी प्रत्यारोपित करने के कुछ मिनट बाद ही मानव शरीर ने उसे स्वीकार कर लिया। जैसा कि आमतौर पर ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन (जानवरों से मनुष्य में अंगों का प्रत्यारोपण) में समस्या आती है, वैसी समस्या इस मामले में नहीं आई। चिकित्सकों ने बताया कि सुअर की किडनी ने मूत्र का उत्पादन शुरू कर दिया और विषाक्त पदार्थों को छानने जैसे मानव गुर्दे के कार्यों को अपने हाथ में ले लिया।

हालाँकि, इस प्रत्यारोपण को लेकर मीडिया ने सवाल किया, “क्या यह अंग सचमुच मानव अंग की तरह काम करेगा?” इस सवाल के जवाब में एनवाईयू लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर रॉबर्ट मॉन्टगोमरी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, “अभी तक तो ऐसा ही लग रहा है।”

इसके अलावा बुधवार को ही बर्मिंघम हीरसिंक स्कूल ऑफ मेडिसिन (Birmingham Heersink School of Medicine) में अलबामा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक ब्रेन डेड रोगी के समान मामले का अध्ययन प्रकाशित किया, जिसे इस साल की शुरुआत में दो सुअर की किडनी ट्रांसप्लांट किए गए थे।

इन सुअरों में भी 10 जेनेटिक परिवर्तन किए गए थे। इस मामले में भी मानव शरीर ने सुअर की किडनी को अस्वीकार नहीं किया और 7 दिनों तक किडनी सामान्य तरीके से काम करती रही। इस ट्रांसप्लांटेशन के परिणामों को JAMA सर्जरी पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।

हालाँकि, यह ट्रांसप्लांटेशन अभी प्रायोगिक चरण में है लेकिन महीने भर से ज़्यादा समय तक किडनी का सामान्य  तरीके से काम करना एक उम्मीद जगाती है। वहीं, चिकित्सा विज्ञानी भी इस नई उपलब्धि से उत्साहित हैं, क्योंकि किडनी के लिए प्रतीक्षा करते मरीजों को की संख्या पूरी दुनिया में बहुत ज़्यादा है। 

इसको ध्यान में रखते हुए दुनिया भर में यह प्रयोग किए जा रहे हैं कि मानव जीवन को बचाने के लिए जानवरों के अंगों का उपयोग कैसे किया जाए। ऐसे में अनुसंधान के लिए दान किए गए मानव शरीरों पर सफलतापूर्वक प्रयोग एक नई उम्मीद जगाते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

6 महीने में आग लगने की 565 घटनाएँ, 690 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित: उत्तराखंड में इस साल भी गर्मियों में वही समस्या, काफी ज्वलनशील...

कालागढ़ टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में आग लगने से जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।

‘देश शरिया से नहीं चलेगा, सरकार बनते ही पूरे देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता’: गृहमंत्री अमित शाह बोले- धारा 370 को कॉन्ग्रेस...

अमित शाह ने कहा कि देश तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होगी, ये 'मोदी की गारंटी' है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe