सुपरस्टार रजनीकांत ने रविवार (20 जुलाई, 2023) को अयोध्या पहुँच कर रामलला के दर्शन किए और निर्माणाधीन राम मंदिर के कार्य को भी देखा-जाना। इस दौरान बड़ी संख्या में हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। रामलला विराजमान के दर्शन के साथ-साथ उन्होंने भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इससे पहले ‘संकटमोचन सेना’ के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने उन्हें हनुमानगढ़ी मंदिर में ले जाकर दर्शन कराया। वहाँ बड़ी संख्या में लोग उनके स्वागत में जुटे थे।
राम मंदिर में ‘श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट समिति’ के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र, डॉ अनिल मिश्र, कमिश्नर गौरव दयाल, IG प्रवीण कुमार, ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के प्रवक्ता शरद शर्मा, नगर आयुक्त विशाल सिंह, पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) पंकज पांडेय, राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रही टाटा कंसल्टेंसी के मैनेजर विनोद शुक्ला और रामशंकर ने उनका स्वागत किया। रजनीकांत ने कहा कि वर्षों से उनका अयोध्या आने का मन था और आज रामलला के दर्शन की उनकी मनोकामना पूरी हुई है।
उन्होंने कहा कि ईश्वर की इच्छा हुई तो राम मंदिर के निर्माण के बाद उन्हें यहाँ फिर से आने का मौका मिलेगा। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर का प्रारूप भेंट किया गया और अंगवस्त्र पहना कर सम्मानित किया गया। इसके बाद वो फिर लखनऊ के लिए रवाना हो गए। बता दें कि लखनऊ में उन्होंने उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ अपनी फिल्म ‘जेलर’ की स्पेशल स्क्रीनिंग में भी हिस्सा लिया था। फिल्म 10 दिनों में बॉक्स ऑफिस पर 514 करोड़ रुपए की कमाई कर चुकी है। सिर्फ तमिलनाडु में इसने 180 करोड़ रुपए बटोर लिए हैं।
आज 20 जुलाई 2023 को फिल्म जगत के फिल्म अभिनेता श्री रजनीकांत (@rajinikanth) जी और उनकी पत्नी ने श्रीराम मंदिर के निर्माण कार्य को देखा और राम लला के दर्शन किये। pic.twitter.com/oRaESRhOI6
— VHP Social Media (@VHPSocialMedia) August 20, 2023
सुपरस्टार रजनीकांत के अयोध्या में दर्शन-पूजन को भारत के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के मेल के रूप में भी देखा जा सकता है, इससे ये साफ़ होता है कि सनातन धर्म इस भूमि को जोड़ता है। रामलला भारत के अलग-अलग हिस्सों के बीच एकता का एक सेतु बन रहे हैं, ये बड़ी अच्छी बात है। 48 वर्षों से तमिल फिल्म इंडस्ट्री पर राज कर रहे रजनीकांत तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम दर्शकों में भी लोकप्रिय हैं। श्रीराम ने रामेश्वरम में ही शिव की पूजा की थी और वहाँ मंदिर भी है। तमिल में ‘कम्बन रामायण’ खासा लोकप्रिय है।