देश में जारी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फँसे करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं को योगी सरकार ने सकुशल घर पहुँचाने का फैसला किया है। इसके लिए विभिन्न जिलों से 300 बसों को भेजने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, प्रयागराज में केन्द्रीय विश्वविद्यालय और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हजारों छात्र मौजूद हैं। इससे पहले भी योगी सरकार ने कोटा में फँसे छात्रों को वापस बुलाया था।
In the first round, students will sent to their homes in Sonbhadra, Mirzapur, Chandoli, Varanasi, Jaunpur, Pratapgarh, Kaushambi, Fatehpur & Chitrakoot. Students from other districts will be sent in the second round: Additional Chief Secretary (Home) Awanish Awasthi #lockdown https://t.co/5UpoeFIr6g
— ANI UP (@ANINewsUP) April 27, 2020
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ही मीटिंग में कहा कि जब हम कोटा में फंसे बच्चों की चिंता कर सकते हैं तो प्रयागराज में यूपी के ही विभिन्न जिलों के छात्र-छात्राओं को भी उनके घर सकुशल पहुँचाएँगे।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रयागराज में करीब 9-10 हजार छात्र-छात्राएँ हैं, इसके लिए 300 बसों को लगाकर इन्हें अपने-अपने घरों तक पहुँचाने का आदेश हुआ है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस संबंध में रोडवेज डिपार्टमेंट के साथ डीएम और एसएसपी को भी आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अवनीश अवस्थी के मुताबिक प्रयागराज में मौजूद छात्र-छात्राओं को चरणबद्ध तरीके से भेजा जाएगा, जो भी बसें प्रयागराज से भेजी जाएँगीं। उसमें आरक्षी भी तैनात किए जाएँगे। ये प्रयागराज में तीन स्थानों से चलेंगी। वहीं उन्होंने बताया कि पहले चरण में ये 300 बसें, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर और चित्रकूट के छात्र-छात्राओं को लेकर जाएँगी।
इसके बाद दूसरे चरण में प्रदेश के दूसरे जिलों में जाएँगीं। यदि वहाँ किसी अन्य प्रदेश के छात्र होंगे तो उन्हें भी अनुमति मिल जाएगी। इस सभी व्यवस्थाओं को दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। प्रयागराज में फँसे छात्र-छात्राओं को शहर से निकालने से लेकर उनके जिलों में पहुँचाने तक कोई भी असुविधा न हो और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रहे इसके लिए भी योगी सरकार ने योजना बनाई है।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसे सफल बनाने के लिए प्रदेश के डिग्री कॉलेजों से लेकर बेसिक टीचरों तक सभी को कोरोना वॉरियर्स बनाया जाएगा। इतना ही नहीं इससे पहले इन लोगों को ट्रेनिंग भी दी जागी। इन लोगों को पैरामेडिकल स्टाफ और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर के लोग ट्रेनिंग देंगे। इस दौरान एक ऐप भी तैयार किया जाएगा।
आपको बता दें कि इससे पहले भी लॉकडाउन के बीच राजस्थान के शहर कोटा में फँसे उत्तर प्रदेश के लगभग 7500 छात्रों को वहाँ से निकालने के लिए यूपी सरकार ने बसें लगाई थी। इतना ही नहीं योगी सरकार ने यूपी से 252 बसों को राजस्थान के लिए रवाना कर कोटा शहर में फँसे उत्तर प्रदेश के सभी छात्रों को निकाला था। इतना ही नहीं बसों में बैठाने से पहले सभी छात्रों की थर्मल स्कैनिंग भी की गई थी और एहतियात के तौर पर वापस आने के बाद सभी को क्वारंटाइन किया गया था।
गौरतलब हो कि कोटा में फँसे छात्रों ने ट्विटर पर घर वापसी के लिए #SendUsBackHome नाम से एक ट्रेंड चलाया था, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संज्ञान लेते हुए सुरक्षा ऐजेंसियों से बात की थी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी, लेकिन बाद में केंद्रीय एजेंसियों के कहने पर ही कोटा से बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।