गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad, Gujarat) शहर में साल 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट (Serial Bomb Blast) के मामले में लगभग 13 साल बाद 38 दोषियों को फाँसी की सजा और बाकी के 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश एआर पटेल (Justice AR Patel) ने शुक्रवार (18 फरवरी) को 7,015 पेज के अपने फैसले में भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 302 और UAPA के तहत यह सजा सुनाई।
2008 Ahmedabad serial bomb blast case | A special court pronounces death sentence to 38 out of 49 convicts pic.twitter.com/CtcEWGze2z
— ANI (@ANI) February 18, 2022
इससे पहले इस मामले में न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को सुनाए अपने फैसले में 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। वहीं, 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में कुल 78 आरोपित थे, जिसमें से एक आरोपित सरकारी गवाह बन गया था। इस तरह कुल 77 आरोपितों पर मामला चला।
सीरियल ब्लास्ट के इस मामले में सुनवाई पिछले साल सितंबर में ही पूरी हो गई थी। इस साल 2 फरवरी को फैसला आना था, लेकिन सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इसके कारण मामले को 8 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया था।
बता दें कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय अहमदाबाद शहर में 26 जुलाई 2008 को लगभग 70 मिनट के भीतर 21 बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अलग से FIR दर्ज की गईं थी।
उस समय के प्रदेश के DGP आशीष भाटिया के नेतृत्व में 28 जुलाई 2008 को तेज-तर्रार अधिकारियों की टीम बनाई गई थी। इस टीम ने 19 दिनों में विस्फोट कांड से जुड़े 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में बाकी आतंकियों को भी जेल भेज दिया गया था। घटना के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद गए थे।
पुलिस का दावा था कि ये सभी आरोपित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने साल 2002 में हुए गोधरा दंगे का बदला लेने के लिए सीरियल बम ब्लास्ट किए थे। अहमदाबाद में धमाकों से पहले इन्हीं आतंकियों ने राजस्थान के जयपुर और उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी धमाकों को अंजाम दिया था।