उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में मॉं-बेटे के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बेटे को मॉं से ही संक्रमण हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक युवक की मॉं सहित 37 लोग मक्का से उमरा कर लौटे थे। मुंबई एयरपोर्ट पर जॉंच के बाद इनके हाथ पर क्वारेंटाइन का स्टांप लगाया गया। लेकिन, एक खास परफ्यूम से स्टांप मिटा ये लोग अपने घर पहुॅंच गए। इनकी इस कारगुजारी से न इनके जीवन पर संकट पैदा हो गया बल्कि इन्होंने सैकड़ों और के जीवन को संकट में डाल दिया है।
पूरा मामला एक महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद सामने आई। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने सभी मक्का से लौटे सभी 37 लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया है। इस 45 वर्षीय महिला को तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल ले जाया गया गया। जहाँ उसकी ट्रैवल हिस्ट्री और लक्षण देख सैम्पल्स किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ भेजे गए थे। इस महिला के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद, उसके साथ उमरा कर के आए अन्य लोगों और उसके बेटे का भी टेस्ट करवाया गया। वह भी कोरोना संक्रमित पाया गया।
जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि पूछताछ करने पर पता चला कि विदेश से लौट कर आने के कारण मुंबई एयरपोर्ट पर इन सभी को क्वारेंटाइन की मुहर लगाई गई थी। इसे इन सभी ने मिटा दिया। जाँच-पड़ताल के चक्कर से बचने के लिए मुंबई से ट्रेन के जरिए लखनऊ ट्रेन पहुँचे। वहॉं से बस से पीलीभीत आए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये सभी पीलीभीत के उमरिया तहसील स्थित गाँवों के रहने वाले हैं, जिनमें से लगभग 25 एक ही गाँव के हैं।
जिले के प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के लोगों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि उमरा से लौटे इस ग्रुप के सभी 37 सदस्यों को पीलीभीत के क्वारेंटाइन सेंटर पहुँचा दिया गया है। गौरतलब है कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है। देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। लेकिन, लोगों की लापरवाही भारी पड़ रही है। पीलीभीत की तरह ही कश्मीर में भी प्रशासन को करीब 400 शिकायतें ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने की मिली है।