केरल में ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में राज्य पुलिस ने पूरे प्रदेश से 41 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये सभी सोशल मीडिया और इनक्रिप्टिड वेबसाइट्स के जरिए बच्चों की अश्लील तस्वीरें शेयर करते थे। ऑपरेशन पी-हंट (Operation P-Hunt) का रविवार को तीसरा चरण था। इस पूरे अभियान के लिए 465 जगहों को चिह्नित किया गया था।
साइबरडोम के नोडल ऑफिसर मनोज इब्राहिम ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक इस केस में 339 मुकदमे दर्ज हुए हैं और 394 डिवाइस छापेमारी में सीज की गई है। बता दें कि गिरफ्तार हुए आरोपितों में कई आईटी विशेषज्ञ है और एक डॉक्टर भी। कइयों पर संदेह है कि वो चाइल्ड ट्रैफिकिंग का हिस्सा हैं, क्योंकि छापेमारी में इनके पास से कुछ इन्क्रिप्टिड चैट मिली है।
छापेमारी के दौरान सामने आई सबसे भयावह बात यह पता चली है कि स्थानीय बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की सामग्री व्यापक रूप से डार्कनेट साइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपलोड और शेयर की जा रही थी। छापे के दौरान पता चला कि 6 से 15 साल तक के बच्चों से संबंधित सामग्री अपराधियों के पास थी।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सबसे अधिक गिरफ्तारी कन्नौर से हुई है। यहाँ से 6 आरोपित पकड़े गए हैं। मनोज अब्राहिम ने बताया कि संदिग्धों की पहचान विशेष सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके और नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइड चिल्ड्रन की मदद से की गई। उन्होंने बताया कि पहले इन सभी लोगों से जुड़ी जानकारियाँ एकत्रित की गईं, फिर इन्हें जिला पुलिस प्रमुख के साथ शेयर किया गया और बाद में आईटी विशेषज्ञों और महिलकर्मियों की टीम बनाई गई।
गौरतलब हो कि इससे पहले केरल में बढ़ रहे चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों का खुलासा करते हुए प्रदेश पुलिस की साइबर विंग ने 41 लोगों को अक्टूबर माह में गिरफ्तार किया था। इन 41 आरोपितों में DFYI का एक नेता इसा रियाज भी शामिल था। सब पर आरोप था कि इन्होंने छोटे बच्चों की नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर सर्कुलेट की।
एडिशनल डीजीपी मनोज अब्राहम ने बताया था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में उन्होंने 268 मामले दर्ज किए हैं। गिरफ्तार हुए लोगों पर ऐसी सामग्री अपलोड, डाउनलोड और उन्हें सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करने का आरोप है। इन लोगों के पास से पुलिस ने कई इलेक्ट्रानिक डिवाइस और फोन भी जब्त किए हैं।