Saturday, April 26, 2025
Homeदेश-समाजकरनाल में बवाल पर 800 के खिलाफ केस, तोड़फोड़ के कारण नहीं हो पाई...

करनाल में बवाल पर 800 के खिलाफ केस, तोड़फोड़ के कारण नहीं हो पाई थी ​खट्टर की किसान महापंचायत

किसान महापंचायत का आयोजन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के एक वर्ग के बीच व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के लिए किया गया था।

हरियाणा के करनाल जिले में ‘किसान महापंचायत आयोजन स्थल’ पर की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने सोमवार (जनवरी 11, 2021) को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 800 से अधिक के खिलाफ मामला दर्ज किया। 71 प्रदर्शनकारियों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि कुल 800 से अधिक लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

इस सार्वजनिक आयोजन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भाग लेना था, मगर उपद्रव के कारण उन्हें कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा कार्यक्रम स्थल पर हंगामा किए जाने के बाद कैमला गाँव में आयोजित होने वाली ‘किसान महापंचायत’ रद्द करनी पड़ी थी।

पुलिस ने कहा कि वे घटना के संबंध में वीडियो क्लिप सहित साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं और जो इसमें शामिल पाए जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालाँकि किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री ने भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, विपक्षी कॉन्ग्रेस और वाम दलों पर लोगों को बर्बरता के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। इससे पहले गुरनाम ने सरकारी ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करने की चेतावनी दी थी। 

बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले हेलीपैड पर कब्जा किया, फिर मंच के पास रखा पोडियम तोड़ डाला, फिर कुर्सियाँ, गमले, साउंड सिस्टम और अंत मे पोस्टर तक फाड़ दिया।

आयोजन स्थल को नुकसान पहुँचाने के अलावा उन्होंने आयोजकों के साथ भी हाथापाई की। आयोजन में शामिल होने आए किसानों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। बता दें कि किसान महापंचायत का आयोजन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के एक वर्ग के बीच व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के लिए किया गया था। हालाँकि, प्रदर्शनकारियों ने राज्य में भाजपा नेतृत्व पर इस तरह की बैठकें आयोजित करके किसानों को विभाजित करने का आरोप लगाया है।

इस हंगामे के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा था, “जो कोई भी बोलना चाहता है, उसमें बाधा डालना सही नहीं है। मुझे नहीं लगता कि लोग डॉ. बीआर आंबेडकर की ओर से दिए गए प्रावधानों के उल्लंघन को बर्दाश्त करेंगे। कॉन्ग्रेस ने 1975 में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया था। उस समय लोगों ने उनके घृणित कार्य की पहचान की और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जेल में ‘लेडी डॉन’ जिकरा, फिर भी खौफ में कुणाल का परिवार: पहले भी हो चुकी है 6 हिंदुओं की हत्या, सीलमपुर से पलायन...

कुणाल के पिता राजवीर सिंह ने ऑपइंडिया से कहा कि उनके बेटे को सुनियोजित तरीके से मारा गया। इसके पीछे इलाके की कुख्यात 'लेडी डॉन' जिकरा और उसका गैंग है।

‘मेरा एक भाई मुजाहिद (जिहाद करने वाला) और एक भाई जेल में’: बोली पहलगाम हमले के मुख्य आरोपित आदिल की बहन, 2 आतंकियों के...

आतंकवादी आदिल गुरी और आसिफ शेख के घरों को सुरक्षा बालों ने उड़ाया। आतंकी की बहन बोली कि उसका भाई मुजाहीदीन है।
- विज्ञापन -