Saturday, April 20, 2024
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BJP विधायक अरुण नारंग पर हमले के आरोपितों का 20 वकीलों ने किया समर्थन, मुफ्त कानूनी मदद की पेशकश

पुलिस ने इस मामले में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू सिधुपुर) की मुक्तसर ईकाई के अध्यक्ष सुखदेव सिंह और 26 अन्य के खिलाफ मालौट शहर में भाजपा विधायक नारंग की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।

पंजाब के अबोहर से बीजेपी विधायक अरुण नारंग के साथ मारपीट करने वाले कथित प्रदर्शनकारियों के समर्थन में वकील उतर आए हैं। बठिंडा और मुक्तसर जिले के कम से कम 20 वकीलों ने नारंग पर हमले के आरोपितों का समर्थन करते हुए मुफ्त कानूनी सहायता की पेशकश की है।

इससे पहले पुलिस ने इस मामले में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू सिधुपुर) की मुक्तसर ईकाई के अध्यक्ष सुखदेव सिंह और 26 अन्य के खिलाफ मालौट शहर में भाजपा विधायक नारंग की हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।

नांरग से साथ यह घटना उस वक्त हुई, जब वे राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाग लेने जा रहे थे। प्रदर्शनकारी पहले से ही भाजपा कार्यालय पर थे। नारंग पहुँचे तो इन लोगों ने उन पर स्याही फेंकी और उनकी कार को भी गंदा किया। जब वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बाहर निकले तो प्रदर्शनकारियों ने उनके कपड़े फाड़कर बीच सड़क पर उन्हें नंगा कर दिया था।

नारंग ने ऑप इंडिया को बताया कि ये स्पष्ट नहीं है कि कौन लोग किसानों को भड़का रहे हैं। ऐसा लगा जैसे उनकी योजना मेरी हत्या करने की थी। हालाँकि, उन्होंने किसान संघ के झंडे लिए थे। लेकिन वह गुंडे थे। उनके खिलाफ जाँच होनी चाहिए और जल्द से जल्द उन्हें पकड़ा जाना चाहिए।

अरुण नारंग से मारपीट करने वालों को मुफ्त कानूनी सहायता देने के ऐलान करने वाले 20 वकीलों में से एक रामपुर फूल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीतपाल सिंह मंदर ने कहा कि भीड़तंत्र पूरे देश में है। ये प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी है कि वो ये पक्का करें कि संवेदनशील जगहों पर भीड़ इकट्ठी न हो। पुलिस ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। अगर भीड़ वहाँ इकट्ठा हुई थी तो उसे पुलिस को हटाना चाहिए था। उन्होंने बीजेपी नेताओं को भी नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं को पहले से तैयार रहना चाहिए था, जब वो जानते थे कि उनके खिलाफ नफरत का वातावरण है।

वकील ने मारपीट के मामले में हत्या की कोशिश का केस दर्ज करने को गलत ठहराया और कहा कि इस केस में धारा 355 के तहत एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि किसी के कपड़े फाड़ने का अर्थ हत्या की कोशिश नहीं है।

वहीं वहीं नारंग ने पुलिस पर अपनी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अबोहर की जनता और उनके परिवार की दुआओं ने उन्हें भीड़ से बचाया। उन्होंने मानसिक तौर पर मेरी हत्या की कोशिश की, ताकि भावनात्मक रूप से मुझे खत्म किया जा सके। लेकिन, आप सभी का समर्थन देखकर मुझे पूर्ण विश्वास हो गया है कि नारंग को मिटाना इतना आसान नहीं है।अबोहर के विधायक अरुण नारंग ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अबोहर की जनता और उनके परिवार की दुआओं ने उन्हें भीड़ से बचाया। उन्होंने मानसिक तौर पर मेरी हत्या की कोशिश की, ताकि भावनात्मक रूप से मुझे खत्म किया जा सके। लेकिन, आप सभी का समर्थन देखकर मुझे पूर्ण विश्वास हो गया है कि नारंग को मिटाना इतना आसान नहीं है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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