Monday, September 16, 2024
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हिन्दू छात्रों के कलावा और तिलक पर बैन, मुस्लिमों को नमाज़ के लिए छुट्टी: कॉलेज प्रिंसिपल मोहसिन अली के खिलाफ प्रदर्शन, ‘जय श्री राम’ और ‘वन्दे मातरम्’ के नारे

मंडी समिति मार्ग पर पियर्स चड्ढा इंटर कॉलेज में आसपास के कई छात्र-छात्राएँ पढ़ाई करते हैं। बुधवार को यहाँ ABVP से जुड़े छात्र हंगामा शुरू कर दिए।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक इंटर कॉलेज के अंदर हिन्दू छात्रों ने अपने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल मोहसिन अली ने उन्हें कलावा बाँधने और तिलक लगाने से रोका है। इन्ही छात्रों के मुताबिक कॉलेज के अंदर मुस्लिम छात्रों को जुमे की नमाज़ के लिए 12 बजे छुट्टी कर दी जाती है। मामले की जानकारी मिलने पर ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ (ABVP) से जुड़े छात्रों ने हंगामा करते हुए मोहसिन पर कार्रवाई की माँग की है। घटना बुधवार (4 सितंबर, 2024) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना अमरोहा जिले के थाना क्षेत्र गजरौला की है। यहाँ मंडी समिति मार्ग पर पियर्स चड्ढा इंटर कॉलेज में आसपास के कई छात्र-छात्राएँ पढ़ाई करते हैं। बुधवार को यहाँ ABVP से जुड़े छात्र हंगामा शुरू कर दिए। इनके साथ ‘बजरंग दल’ के सदस्य भी शामिल हो गए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रिंसिपल मोहसिन अली हिन्दू और मुस्लिम छात्रों में भेदभाव करता है। उन्होंने बताया कि मोहसिन अली हिन्दू छात्रों को तिलक और कलावा बाँधने पर रोकता-टोकता है।

इन्हीं छात्रों ने आगे बताया कि मोहसिन का व्यवहार मुस्लिम छात्रों के लिए एकदम अलग है। प्रार्थना के दौरान मुस्लिम छात्रों से हाथ न जोड़ने के लिए कहा जाता है। साथ ही जुमे के दिन (शुक्रवार) को उनकी छुट्टी कर दी जाती है। इन छात्रों ने मोहसिन अली पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। कॉलेज के गेट पर भारत माता की जय, जय श्री राम और ‘वन्दे मातरम्’ के नारे लगे। इस दौरान छात्रों ने मनमानी नहीं चलने देने का एलान किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस फ़ौरन ही कॉलेज पहुँच गई। प्रदर्शनकारी छात्रों को समझा कर शांत किया गया।

इस हंगामे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रिंसिपल मोहसिन अली से भी बातचीत की गई। इस पूरे मामले में मोहसिन अली का भी बयान सामने आया है। मोहसिन ने बताया कि अभी हाल में ही उन्होंने कॉलेज का संचालन सँभाला है। जो भी नियम पालन करवाए जा रहे थे वो सब पहले के बने थे। प्रशासन की मौजूदगी में इन नियमों के सुधार करने का समझौता हुआ। इस समझौते का लिखित प्रमाण भी बनाया गया। आखिरकार मामले का काफी जद्दोजहद के बाद मामले का पटाक्षेप हुआ।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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