उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जिम्मेदारी इस्लामी-वामपंथी तंत्र वकील विष्णु शंकर जैन पर डालने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस्लामी-वामपंथी तंत्र और समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें जैन और सर्वे दल पर विवादित मस्जिद में सर्वेक्षण के लिए जाने के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाकर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया है।
कुख्यात इस्लामवादी समीउल्लाह खान ने भी ऐसा ही एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस के साथ एडवोकेट विष्णु शंकर जैन और सर्वे टीम के लोग चल रहे हैं। इस दौरान कुछ लोग ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहे हैं। वीडियो शेयर करते हुए समीउल्लाह खान ने दावा किया है कि संभल में हिंसा की शुरुआत यहीं से हुई थी।
24 नवंबर सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो के साथ किए गए पोस्ट में समीउल्लाह ने दावा किया है, “संभल में हिंसा की शुरुआत… हिंदुत्व के वकील विष्णु शंकर जैन ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने वाली टीम के साथ मस्जिद का सर्वे करने पहुँचे। क्या न्यायिक प्रक्रिया का पालन करने का यही तरीका है?”
समीउल्लाह खान ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, “वकील विष्णु शंकर जैन हमेशा मस्जिदों में मंदिर क्यों खोजते हैं, जिससे अशांति, अराजकता और तनाव पैदा होता है? उन्हें मस्जिदों के खिलाफ इतनी आसानी से आदेश कैसे मिल रहे हैं? वे मथुरा मस्जिद के खिलाफ भी सक्रिय थे? यह सब करने के लिए इस हिंदुत्ववादी वकील की गुप्त रूप से समर्थन कौन कर रहा है?”
इसी तरह ‘द मुस्लिम’ नाम के एक अन्य इस्लामवादी एक्स हैंडल ने उस वीडियो को शेयर किया। इसके साथ ही इस X हैंडल ने लिखा, “सर्वेक्षण दल ने धार्मिक नारे लगाते हुए मस्जिद में प्रवेश किया। कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण दल ने पथराव और झड़पों के बीच मस्जिद में प्रवेश किया।”
सदफ आफरीन नामक एक अन्य मुस्लिम शख्स ने इस वीडियो को सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, “सर्वे टीम है ये, मस्जिद का सर्वेक्षण करने आए हैं दोबारा! ‘JSR’ (जय श्रीराम) के नारे लगाते हुए पहुँचे हैं ये काली कोट वाले सर्वे टीम! आजकल हर एक संस्था में धर्म घुस चुका है! और ये देश के लिए घातक है!”
चाँदनी नाम वाली एक अन्य इस्लामवादी X हैंडल ने लिखा, “UP के संभल जामा मस्जिद के सर्वे टीम धार्मिक नारा लगाते हुए मस्जिद में दाखिल हुई… जय श्री राम का नारा इसलिए लगा रहे हैं कि स्थानीय मुसलमानों को भड़काया जाए।”
इसी तरह, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के नेता सलमान निज़ामी ने भी संभल में हुई इस्लामी हिंसा के लिए विष्णु शंकर जैन और यहाँ तक कि अदालत को भी दोषी ठहराया। निजामी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “संभल हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। इस खून-खराबे के लिए जज और याचिकाकर्ता ज़िम्मेदार हैं।”
निजामी ने आगे कहा, “दूसरे पक्ष को सुने बिना सर्वे का आदेश देना और सर्वे दल का मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते हुए घुसना जानबूझकर उकसाने जैसा था। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार या आँसू गैस का इस्तेमाल करने के बजाय फायरिंग करना अल्पसंख्यकों में डर फैलाने और सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने की मंशा को दर्शाता है। ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए!”
राजनीतिक लाभ के लिए दंगाई भीड़ को उचित ठहराने का प्रयास
इस्लामवादी सोशल मीडिया हैंडलों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने भी मुस्लिम भीड़ के हमले एवं हिंसा के लिए ‘जय श्रीराम’ के नारे को जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि पुलिस ने संभल से सांसद जियाउर रहमान बर्क पर भी हिंसा के लिए मुस्लिमों को उकसाने का मामला दर्ज किया है।
'जय श्री राम के नारे लगाए गए, साजिश के तहत हिंसा हुई', संभल हिंसा पर SP सांसद ज़िया उर रहमान बर्क का बयान @pratyushkkhare @ravindrak2000 #ZiaurRehmanBarq #SambhalJamaMasjid #sambhalmasjidsurvey #SambhalViolnce #Police | #ZeeNews pic.twitter.com/RALcsVrKwC
— Zee News (@ZeeNews) November 25, 2024
जियाउर रहमान बर्क की तरह ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चाचा एवं सपा सांसद राम गोपाल यादव ने भी मस्जिद के बाहर ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने को दंगे भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालाँकि, जिस वीडियो को शेयर करके ये सभी नारे एवं एडवोकेट जैन पर आरोप लगा रहे हैं, वह मस्जिद में सर्वे के लिए जाने के दौरान का है ही नहीं। इससे उनके झूठ का पता चल जाता है।
दरअसल, रविवार को न्यायालय के निर्देशों के बाद अधिवक्ता कमिश्नर और अधिवक्ता जैन की एक टीम सुबह 7:30 बजे सर्वे के लिए मस्जिद गई। जब टीम ने विवादित मस्जिद में प्रवेश किया, तब शूट किए गए वीडियो में स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण थी और इस दौरान किसी भी समय ‘जय श्रीराम’ के नारे नहीं लगे और ना ही किसी अन्य समुदाय के लोगों का मजाक उड़ाया गया।
उस समय तक कोई भी विजयोन्माद नहीं था और ना ही हिंदू पक्ष एवं सर्वे टीम ने मुस्लिमों को भड़काने का कोई प्रयास नहीं किया। हालाँकि, इस्लामी-वामपंथी पारिस्थितिकी तंत्र लगातार अधिवक्ता जैन पर निशाना साधकर उनकी जान को खतरे में डाल रहा है। बता दें कि जैन काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद में भी हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें कट्टरपंथियों से जान से मारने की धमकियाँ मिलती रही हैं।
BIG BREAKING: Attempt by ecosystem and SP leaders to blame Hindu side lawyer @Vishnu_Jain1 for chanting Jai Sri Ram slogans outside Sambhal Jama Masjid to incite riots falls flat.
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) November 27, 2024
Watch this footage of Jain and administration officials entering the Masjid in Sambhal early in… pic.twitter.com/O1nldA11cz
इन तमाम विवादों को लेकर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने एक्स लिखा कि जब वे सर्वे टीम के साथ रविवार को विवादित मस्जिद में दाखिल हुए तो प्रशासन ने इलाके की घेराबंदी कर दी थी। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए सही तथ्यों की जाँच किए बिना ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बयान देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी माँग की है।
From this video it can be clearly seen that i was entering the site to conduct the survey along with lawyers and the district administration at 7.30 am on 24.11.24 amidst heavy security when the entire area was cordoned off. For political reasons irresponsible statements have… https://t.co/7eJQQbzhf4
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) November 27, 2024
इससे पहले जैन ने भ्रामक दावों का खंडन किया था। जैन ने कहा, “सोशल मीडिया पर जो वीडियो प्रसारित हो रहा है, वह रात 11 बजे सर्वेक्षण पूरा होने के बाद विवादित क्षेत्र से मेरे जाने के दौरान का है। यह मेरे सर्वे स्थल पर जाने का वीडियो नहीं है। मैं मस्जिद कमेटी, सीजी और एसजी के वकीलों के साथ जिला प्रशासन के साथ सर्वेक्षण स्थल पर गया था। झूठी जानकारी फैलाई जा रही है।”
The video which is being circulated in social media is of me leaving the disputed area after the survey was completed at 11pm. Its is not the video of me going to the survey site. I went to the survey site with the district administration along with lawyers of masjid committee,… pic.twitter.com/6i5Zbghr5e
— Vishnu Shankar Jain (@Vishnu_Jain1) November 25, 2024
इससे साफ हो जाता है कि इस्लामवादी और उनके समर्थक विष्णु शंकर जैन की जान को खतरे में डालने के लिए झूठ फैला रहे हैं और उन्हें तथा पवित्र ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष को दोषी ठहरा रहे हैं। यदि इस तर्क को मान भी लिया जाए कि ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए गए थे तो इससे इस्लामी भीड़ की हिंसा सही कैसे साबित हो जाती है? ‘ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू मेरी कुरान’ का क्या हुआ?
मंदिरों के अंदर नमाज पढ़ने को ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘भाईचारे’ का प्रतीक मानने वाला ये इस्लामी-वामपंथी मस्जिद में हिंदुओं द्वारा कथित तौर पर ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने पर नाराज क्यों हो जाते हैं? यह पवित्र हिंदू नारा हिंसा का आधार कैसे हो सकता है? ये वही लोग हैं, जब जिहादी ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाकर बम विस्फोट और सिर कलम करते हैं, तब भी कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।
हालाँकि, यही लोग इस्लामवादी भीड़ की हिंसा को उचित ठहराने के लिए ‘जय श्रीराम’ के नारे को सुविधाजनक रूप से दोषी ठहराते हैं। जब इस्लामवादी किसी मंदिर के बाहर ईद या मुहर्रम का जुलूस निकालते हैं और ‘अल्लाहु अकबर’ और ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हैं तो क्या हिंदुओं को इस्लामवादियों पर हमला करना चाहिए?
इससे पहले वामपंथी प्रोपेगेंडा आउटलेट ‘द वायर’ की आरफा खानम शेरवानी ने इस्लामी हिंसा को सही ठहराने के लिए विवादित जामा मस्जिद में सर्वे का आदेश देने के लिए अदालत को ‘संघी’ बताते हुए उसे दोषी ठहराया था। अब इस्लामी तंत्र दंगाई भीड़ की हिंसा को सही ठहराने के लिए विष्णु शंकर जैन और ‘जय श्रीराम’ को दोषी ठहरा रहा है।
(यह खबर मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई है। इसे पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।)