Friday, October 4, 2024
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श्रद्धा को काटते-काटते कटी थी आफताब की भी कलाई, दिल्ली के अस्पताल में जाकर लगवाए थे टाँके: डॉक्टर को बताया- फल काट रहा था

"मई में आफताब अस्पताल में आया था। उसके हाथ में कट लगा हुआ था। वह इंग्लिश में बात कर रहा था। इस दौरान वह काफी आक्रामक और बैचेन लग रहा था और गुस्से में लगातार जोर-जोर से बात कर रहा था।"

श्रद्धा वाकर (Shraddha walker) की लाश के टुकड़े करने के दौरान आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) भी जख्मी हुआ था। उसकी कलाई कट गई थी। इलाज के लिए वह दिल्ली के एक अस्पताल में गया था। डॉक्टर को बताया था कि फल काटने के दौरान हाथ पर कट लग गया। इस दौरान वह बेचैन भी लग रहा था। यह बात भी सामने आई है कि वह 18 मई से पहले ही श्रद्धा की हत्या करना चाहता था। लेकिन ऐन वक्त पर उसके इमोशनल होने के कारण उसने प्लान बदल दिया।

रिपोर्ट के अनुसार आफताब के फ्लैट की तलाशी के दौरान पुलिस को एक पर्ची मिली थी। इसके आधार पर वह छतरपुर के एपेक्स अस्पताल (Apex Hospital in Chhatarpur) के डॉ. अनिल सिंह तक पहुँची। उन्होंने बताया कि मई में आफताब इलाज कराने आया था। उसके हाथ पर चाकू के घाव थे।

डॉक्टर ने बताया, “मई में आफताब अस्पताल में आया था। उसके हाथ में कट लगा हुआ था। वह इंग्लिश में बात कर रहा था। इस दौरान वह काफी आक्रामक और बैचेन लग रहा था और गुस्से में लगातार जोर-जोर से बात कर रहा था।” उन्होंने कहा, “आम तौर पर, मरीज ऐसा नहीं करते हैं, लेकिन वह अन्य मरीजों से काफी अजीब और अलग लग रहा था।”

डॉक्टर ने आफताब के दाहिने हाथ पर 5-6 टाँके लगाए थे। जब डॉक्टर ने पूछा कि चोट कैसे लगी तो आफताब ने बताया कि जब वह फल काट रहा था, तभी चाकू फिसल गया और उसे चोट लग गई। डॉक्टर ने कहा, “मैंने उससे पूछा कि क्या यह चोट किसी लड़ाई के कारण तो नहीं लगी है, तो उसने फुल कॉन्फिडेंस के साथ इससे साफ इनकार कर दिया।”

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर ने बताया, “आफताब सुबह के वक्त आया था। मेरी असिस्टेंट ने मुझे बताया था कि इलाज के लिए कोई आया है। जब मैंने उसे देखा, तो उसका जख्म इतना गहरा नहीं था। मुझे भी कोई शक नहीं हुआ, क्योंकि वह साफ तौर पर चाकू का छोटा सा निशान लग रहा था। वह बिना घबराए सभी सवालों के जवाब दे रहा था। उसने कहा कि वह आईटी सेक्टर में बेहतर मौके की तलाश में मुंबई से दिल्ली आया है।”

आफताब ने 18 मई 2022 को श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी। उसके बाद उसके शव के 35 टुकड़े किए और इन्हें एक-एक कर 18 दिनों तक फेंकता रहा। एक रिपोर्ट के अनुसार उसने 18 मई से करीब एक सप्ताह पहले ही श्रद्धा की हत्या का फैसला कर लिया था। लेकिन उस दिन अचानक से श्रद्धा इमोशनल होकर रोने लगी। इसके बाद आफताब ने किसी और दिन उसे मारने का फैसला किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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