Thursday, March 28, 2024
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गुड़ की मंडी में इमली वाली मस्जिद, फिर भी सड़क पर मुस्लिमों ने पढ़ी नमाज: हिंदुवादी समूहों ने जताई आपत्ति, बताया- दुकानें भी करनी पड़ती है बंद

“हम उन्हें नमाज पढ़ने देने के लिए सहमत हैं, लेकिन शर्त यह होगी कि सड़क का एक हिस्सा खुला रहे। हमारे कार्यकर्ता शाम को स्थिति की जाँच करेंगे और यदि वे उन शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो हम फिर से विरोध शुरू करेंगे।"

उत्तर प्रदेश के आगरा में इमली वाली मस्जिद के बाहर रविवार (3 अप्रैल 2022) को सड़क पर नमाज पढ़ने पर हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई। संगठन की माँग थी कि नमाज सड़क पर नहीं, बल्कि मस्जिद के अंदर पढ़ी जाए। बता दें कि यह मस्जिद आगरा की गुड़ की मंडी में स्थित है।  

हिंदू महासभा के जिला प्रमुख रौनक ठाकुर ने इस मामले में ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय नमाज के समय दुकानों को चलने नहीं देता है। उन्होंने दावा किया कि वे सड़क ब्लॉक कर देते हैं, जिसकी वजह से एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन वाहन अक्सर फँस जाते हैं। उन्होंने कहा, “दुकानदारों को अपनी दुकानें जल्दी बंद करनी पड़ती और अपने वाहनों को सड़क से दूर ले जाना पड़ता है। अगर किसी का वाहन समय पर नहीं हटाया जाता है तो वे पुलिस को फोन कर दुकानदार का चालान करवा देते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि जब पुलिस अधिकारी पहुँचे तो उन्होंने उनसे विरोध-प्रदर्शन रोकने का आग्रह किया और मुस्लिम समुदाय से यातायात की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़क का एक हिस्सा खोलने के लिए कहा। उन्होंने कहा, “हम उन्हें नमाज पढ़ने देने के लिए सहमत हैं, लेकिन शर्त यह होगी कि सड़क का एक हिस्सा खुला रहे। हमारे कार्यकर्ता शाम को स्थिति की जाँच करेंगे और यदि वे उन शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो हम फिर से विरोध शुरू करेंगे। हम उन्हें सार्वजनिक स्थान पर कब्जा करने, दुकानदारों और यात्रियों को असुविधा पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते।” हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने सवाल किया कि जब सड़क पर नमाज पढ़ी जा सकती है तो उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई।

अब सब कुछ शांतिपूर्ण है: SP सिटी

ऑपइंडिया से बात करते हुए, SP सिटी विकास कुमार ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और मामले को सुलझा लिया गया है। इंडिया टुडे ने एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के हवाले से कहा कि पुलिस किसी को भी जिले की शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा, “पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि हिंदू और मुस्लिम दोनों त्योहार शांतिपूर्वक मनाए जाएँ।”

पिछले 40 सालों से पढ़ी जा रही है नमाज: मुस्लिम समुदाय

मुस्लिम समुदाय ने दावा किया कि वे पिछले 40 वर्षों से मस्जिद के बाहर नमाज अदा कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति मिली हुई है। विशेष रूप से, इमली वाली मस्जिद में उन्होंने तराबियान, यानी शाम की नमाज के दौरान केवल पांच दिनों में कुरान की सभी आयतों को पढ़ा। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि इसी कारण से हर दिन लगभग 10,000 मुस्लिम शाम की नमाज के दौरान नमाज अदा करने के लिए यहाँ आते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पहले यहाँ नमाज अदा करने पर कोई विवाद नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सेंट जॉन्स चर्च और एसएन मेडिकल कॉलेज अपने परिसर में नमाज और पार्किंग के लिए जगह प्रदान करके उनका समर्थन करते हैं। भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष सामी अघई ने इंडिया टुडे को बताया कि आगरा के मस्जिद हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच भाईचारे का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह वह जगह है जहाँ पिछले 45 वर्षों से सैयद इरफान सलीम के नेतृत्व में स्थानीय मुस्लिमों ने ऐतिहासिक राम बारात का स्वागत किया है और फूलों की वर्षा की है।”

सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने को लेकर हुआ विवाद

कई बार नमाज के लिए सड़कों और सार्वजनिक जगहों को ब्लॉक किए जाने पर हिंदू समुदाय ने आपत्ति जताई है। गुरुग्राम में यह मुद्दा महीनों तक सुर्खियों में रहा जब हिंदू समूहों ने मुस्लिमों द्वारा सार्वजनिक स्थानों और पार्कों में नमाज अदा करने पर आपत्ति जताई। दिसंबर 2021 में रिपोर्ट सामने आई थी कि हिंदू समूहों ने उन खुले जगहों पर ‘जय श्री राम’ का जाप किया, जहाँ मुस्लिम शुक्रवार को नमाज अदा किया करते थे। उन्होंने माँग की थी कि नमाज मस्जिदों के अंदर पढ़ी जानी चाहिए न कि सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क आदि में, क्योंकि इससे अशांति और यातायात की समस्या होती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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