Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजएक महीना कम, कम से कम 6 महीने चाहिए: UCC पर मुस्लिम पर्सनल लाॅ...

एक महीना कम, कम से कम 6 महीने चाहिए: UCC पर मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड की विधि आयोग को चिट्ठी, कहा- यह इतना जरूरी कैसे हो गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून 2023) को कॉमन सिविल कोड की जोरदार पैरवी की थी। इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जल्दबाजी में देर रात एक इमर्जेंसी मीटिंग की थी। मीटिंग में तय किया गया कि UCC के मुद्दे पर लॉ कमीशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर भारतीय विधि आयोग (Law Commission) को पत्र भेजकर आपत्ति जाहिर की है। बीते शुक्रवार (23 जून 2023) को AIMPLB ने कॉमन सिविल कोड को पूर्व में हुई जाँच का हवाला देते हुए गैर-जरूरी बताया। साथ ही जनता से माँगी गई राय की समय सीमा काफी कम बताते हुए इसे कम-से-कम 6 महीने के लिए बढ़ाने की अपील की।

बुधवार (28 जून 2023) को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारतीय विधि आयोग को भेजा गया अपना पत्र शेयर किया है। AIMPLB ने खुद को भारत में मुस्लिमों का सबसे बड़ा मज़हबी संगठन बताया है। इस पत्र में विधि आयोग द्वारा जारी नोटिस को बेहद सामान्य और अस्पष्ट बताया गया है। बोर्ड ने सवाल किया है कि माँगे गए सुझाव की शर्तें क्या-क्या हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आयोग से पूछा है कि यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण कैसे हो गया जबकि इसे पहले हुई जाँच में गैर-जरूरी बताया जा चुका है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक, भारतीय विधि आयोग द्वारा कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर माँगे गए सुझाव के लिए दिया गया समय काफी कम है। बोर्ड ने इस समय सीमा को कम से कम 6 माह के लिए बढ़ाने की अपील की है। साथ ही यह भी पूछा कि यह मुद्दा अचानक इतना महत्वपूर्ण कैसे हो गया। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मोहम्मद फजलुर रहीम मुजद्देदी के मुताबिक, AIMPLB अपना जवाब दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून 2023) को कॉमन सिविल कोड की जोरदार पैरवी की थी। इसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जल्दबाजी में देर रात एक इमर्जेंसी मीटिंग की थी। करीब 3 घंटे चली इस मीटिंग में देश भर के मुस्लिम धर्मगुरुओं और प्रबुद्ध व्यक्तियों को ऑनलाइन जोड़ा गया था। मीटिंग में तय किया गया कि UCC के मुद्दे पर लॉ कमीशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा। इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही UCC के विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

गौरतलब है कि भारतीय विधि आयोग ने 14 जून 2023 को एक नोटिस जारी करके समान नागरिक संहिता के बारे में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने के लिए फिर से निर्णय लिया। आयोग ने कहा था कि जिन लोगों को इसमें रुचि है और अपनी राय देना चाहते हैं, वे राय दे सकते हैं। नोटिस पर राय या सुझाव देने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है। अपनी राय को भारत सरकार के विधि आयोग की ई-मेल [email protected] पर भी भेजा जा सकता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -