Saturday, November 16, 2024
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ज्ञानवापी ढाँचे के ‘व्यास जी तहखाना’ में होती रहेगी पूजा, हाई कोर्ट का रोक लगाने से इनकार: जुमे पर बंद का आह्वान, चप्पे-चप्पे पर पुलिस

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार (2 फरवरी 2024) को वाराणसी के ज्ञानवापी ढाँचे में हिंदू पक्ष को दिए गए पूजा के अधिकार पर रोक लगाने से मना करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, वाराणसी की जिला अदालत ने 31 जनवरी को 2024 पर हिंदू पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए यह अधिकार दिया था। इसके बाद से वहाँ पूजा शुरू हो गई है। वहीं, इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी बंद का आह्वान किया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार (2 फरवरी 2024) को वाराणसी के ज्ञानवापी ढाँचे में हिंदू पक्ष को दिए गए पूजा के अधिकार पर रोक लगाने से मना करते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। दरअसल, वाराणसी की जिला अदालत ने 31 जनवरी को 2024 पर हिंदू पक्ष की अपील पर सुनवाई करते हुए यह अधिकार दिया था। इसके बाद से वहाँ पूजा शुरू हो गई है। वहीं, इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी बंद का आह्वान किया है।

दरअसल, वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी 2024 ढाँचे के नीचे हिंदुओं को पूजा करने का आदेश दिया था। जिला अदालत के इस आदेश को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ही ज्ञानवापी ढाँचे का प्रबंधन करती है।

मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि मुस्लिम पक्षों ने 17 जनवरी को पारित आदेश को अभी तक चुनौती नहीं दी है, जिसके तहत एक जिला मजिस्ट्रेट को रिसीवर के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में इस रिसीवर को 31 जनवरी 2024 को मस्जिद के तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने का आदेश दिया गया था।

कोर्ट ने कहा कि जब तक 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी जाती, तब तक मस्जिद कमिटी की चुनौती पर सुनवाई करना संभव नहीं होगा। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में संशोधन करने के लिए 6 फरवरी 2024 तक का समय दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञानवापी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा गया है।

मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा, “मामले में अतिशीघ्रता है। उन्होंने (हिंदू पक्ष) पहले ही व्यास तहखाना (दक्षिणी तहखाने) में पूजा शुरू कर दी है।” नकवी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को तहखाने में पूजा शुरू कराने के लिए सात दिन का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने 7 घंटे में पूजा शुरू करवा दी।

नकवी के तर्क का विरोध हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने किया। उन्होंने कहा कि जब तक मुस्लिम पक्ष 17 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं देता, तब तक 31 जनवरी के आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती है। इसके बाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को राहत देने से इनकार कर दिया।

मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट से झटका लगने से दो पहले सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में स्थित व्यास जी का तहखाना में हिंदुओं को पूजा की अनुमति देने के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।

बता दें कि ढाँचे के तहखाने में हिंदू पक्ष को मिले पूजा के अधिकार से मुस्लिम समाज नाराज है। मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को वाराणसी बंद रखने का आह्वान किया है। मुस्लिम व्यापारियों से अपने दुकान-व्यवसाय बंद रखने के लिए कहा गया है। मुस्लिमों ने जुमे की नमाज के दौरान मस्जिदों मे दुआ पढ़ने की बात कही है। इसको देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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