राजस्थान सरकार ने अलवर जिले के राजगढ़ अनुमंडल दंडाधिकारी (SDM) केशव कुमार मीणा, राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहरिया और स्थानीय नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी (EO) बनवारी लाल मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बुलडोजर से मंदिर तोड़े जाने के बाद इन अधिकारियों की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे थे। SDM और EO के खिलाफ शिकायत भी की गई थी।
Rajasthan government has suspended Rajgarh Sub-Divisional Magistrate (SDM) Keshav Kumar Meena, Rajgarh Municipality Board’s chairman Satish Duharia and Executive Officer (EO) of the nagar panchayat, Banwari Lal Meena with immediate effect over temple demolition in Alwar
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 25, 2022
महंत प्रकाश दास ने राजगढ़ SDM केशव कुमार मीणा और स्थानीय नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी (EO) बनवारी लाल मीणा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अधिकारियों द्वारा मंदिर परिसर में जूते पहनकर घुसने का आरोप लगाया था। साथ ही मूर्तियों को ड्रिल मशीन और हथौड़े से भी तोड़ने की बात कही गई थी।
मंदिर तोड़े जाने में अधिकारियों के साथ ही कॉन्ग्रेस विधायक की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। ब्रज विकास परिषद ने मामले में शिकायत करते हुए SDM और EO के साथ ही कॉन्ग्रेस के स्थानीय विधायक जौहरी लाल मीणा पर भी आरोप लगाया गया था। बृज विकास परिषद के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता पंकज गुप्ता ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा था कि इस घटना के मुख्य जिम्मेदार कॉन्ग्रेस विधायक जौहरी मीणा हैं। उनका और उनके बेटे का आपराधिक इतिहास है। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी मंदिर तोड़े जाने के लिए कॉन्ग्रेस विधायक को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने अब तक अपने विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
वहीं मंदिर तोड़े जाने के कुछ दिन बाद ही अलवर के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को पाँच लाख रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया गया था। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पूर्व कलेक्टर के साथ आरएएस अधिकारी अशोक सांखला और दलाल नितिन को भी गिरफ्तार किया था। तलाशी में आईएएस पहाड़िया के बंगले से महँगी शराब की 17 बोतलें भी बरामद हुई थी।
नन्नूमल पहाड़िया का 14 अप्रैल को ही तबादला हो गया था। सरकार ने उन्हें जिला कलेक्टर के पद से हटाकर विभागीय जाँच आयुक्त नियुक्त किया था। इस पद पर बैठा अफसर सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की गड़बड़ियों की जाँच करता है, हालाँकि इससे पहले ही वह रिश्चतखोरी के मामले में गिरफ्तार हो गए।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में वर्षों पुराने हिंदू मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया गया था। मास्टर प्लान का हवाला देते हुए नगरपालिका प्रशासन ने तथाकथित 35 अतिक्रमण हटाए थे। इसी दौरान 300 साल पुराने मंदिर पर भी बुलडोजर चला था। साथ ही आसपास के घरों को भी अतिक्रमण बताकर तोड़ा गया था। कई मूर्तियाँ खंडित हो गई थीं।