तमिलनाडु के अन्ना विश्वविद्यालय में एक लड़की के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोेपित ज्ञानशेखरन पर प्रसन्ना वेंकटेश पेरुमल मंदिर की जमीन कब्जाने का आरोप है। तमिलनाडु राजस्व विभाग को पता चला है कि अतिक्रमण की गई मंदिर की जमीन पर 26 इमारतें बनाई गई हैं, जिनमें ज्ञानशेखरन का घर भी शामिल है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने माना है कि ज्ञानशेखरन DMK से सहानुभूति रखता था।
कम्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु की हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर DMK पदाधिकारी ज्ञानशेखरन के खिलाफ जाँच शुरू की है। वर्तमान में विभागों द्वारा भूमि का मूल्यांकन किया जा रहा है। दरअसल, यौन उत्पीड़न का जाँच कर रहा विशेष जाँच दल (SIT) की जाँच में इस अतिक्रमण का खुलासा हुआ है।
जाँच के दौरान पता चला कि ज्ञानशेखरन ने मंदिर की अतिक्रमण की गई जमीन पर अवैध तीन मंजिला इमारत बनाई है। इस इमारत में वह अपनी दो पत्नियों के साथ रहता है। रिपोर्ट के अनुसार, गिंडी तहसीलदार मणिमेकलाई के नेतृत्व में किए गए निरीक्षण और भूमि अभिलेखों से पता चला कि अतिक्रमण की गई जमीन 1 एकड़ और 17 सेंट में फैली हुई है।
तहसीलदार थिरुबेनकदम और मंदिर प्रशासन अधिकारी नारायणी सहित मानव संसाधन एवं सीई अधिकारियों द्वारा की गई जाँच में यह भी पता चला कि अतिक्रमण करने वालों में 26 अन्य परिवार भी शामिल हैं। अतिक्रमण हटाने और मंदिर की संपत्ति को खाली कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। वहीं, पुलिस ने ज्ञानशेखरन के खिलाफ जाँच शुरू कर दी है।
कोट्टापुरम का रहने वाला ज्ञानशेखरन बिरयानी बेचने का काम करता है और वह एक हिस्ट्रीशीटर है। डकैती, अपहरण और चोरी सहित 20 से अधिक मामलों में पुलिस को उसकी तलाश है। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानशेखरन जिसमें रात में चोरी करता था और दिन में राजनीतिक पार्टी के मामलों में भाग लेना था। वहीं, वह दोपहर में बिरयानी की दुकान चलाता था और शाम को छात्राओं का यौन उत्पीड़न करता था।
बता दें कि चेन्नई स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी में 23 दिसम्बर 2024 को इंजीनियरिंग की एक 19 वर्षीय छात्रा से ज्ञानशेखरन ने रेप किया था। अपने दोस्त से मिलने गई एक लड़की का उसने पहले वीडियो बनाया और फिर उसके दोस्त को मारपीट कर भगा दिया। इसके बाद उसके साथ रेप किया और लड़की का फोन नम्बर लेकर उससे कहा कि वह जहाँ बुलाए वहाँ वह आ जाए।
लड़की ने जब इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई तब यह मामला खुला। घटना का आरोपित ज्ञानशेखरन गिरफ्तार कर लिया गया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि ज्ञानशेखरन सत्ताधारी DMK का पदाधिकारी है। उसकी तस्वीरें भी DMK के बड़े नेताओं के साथ मौजूद हैं। DMK सरकार ने ज्ञानशेखरन को बचाने की कोशिश भी की थी। इस पर हाई कोर्ट ने स्टालिन सरकार को लताड़ लगाई थी।