उत्तर प्रदेश के कैराना में पुलिस ने सोमवार (अगस्त 31, 2020) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 4 सदस्यों के घरों पर पिछले साल दिसंबर माह में आयोजित नागरिकता कानून विरोध प्रदर्शनों के सम्बन्ध में संपत्ति का कुर्की नोटिस चस्पा किया है। PFI के ये सदस्य करीब 8 माह पूर्व सीएए के विरोध में उत्तर प्रदेश स्थित ईदगाह के मैदान में धरना प्रदर्शन करने के मामले में फरार चल रहे हैं।
25 सितंबर तक आरोपितों के अदालत में हाजिर नहीं होने पर कार्रवाई होगी। पुलिस अदालत से आदेश प्राप्त करके कुर्की की कार्रवाई कर सकती है। पुलिस का कहना है कि फरार चल रहे चारों आरोपितों के पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े होने की भी बात सामने आई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि पीएफआई के सभी चार सदस्य – डॉ गुफरान, डॉ मुनव्वर, अहमद और कारी अब्दुल वाजिद फरार हैं। कैराना पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस के अधिकारी प्रेमवीर राणा ने कहा कि एक स्थानीय अदालत ने सीआरपीसी की धारा 82 (व्यक्ति के फरार होने की संपत्ति की कुर्की) के तहत नोटिस जारी किए हैं और आरोपितों को 25 सितंबर को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि ये पीएफआई सदस्य उन 18 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ पिछले साल 20 दिसंबर को शामली जिले के कैराना शहर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ धरने और हिंसक प्रदर्शनों के मामले में केस दर्ज किया गया था। इनमें से 14 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 4 पीएफआई के सदस्य फरार हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा ने बताया कि दिसंबर 20, 2019 को नागरिकता कानून के विरोध में भीड़ ने ईदगाह के मैदान में इकट्ठा होकर धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की थी। मामले में पुलिस ने तीन नामजद व 700 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तीन नामजद आरोपितों के अलावा वीडियोग्राफी व बयानों के आधार पर 15 अन्य आरोपियों के नाम भी प्रकाश में आए थे।