Friday, November 15, 2024
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दिल्ली के जहाँगीरपुरी में काम पर लगा बुलडोजर, ध्वस्त किए जा रहे अवैध निर्माण: चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, देखिए Video

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा था कि एनडीएमसी को अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। हमारा फोकस कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर है।

दिल्ली के जहाँगीरपुरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का काम बुधवार (20 अप्रैल 2022) को शुरू कर दिया गया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच एनडीएमसी बुलडोजर के जरिए अवैध कब्जों को हटा रही है। दो दिनों तक यह अभियान चलेगा। यह वही इलाका है जहाँ 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई हिंदुओं की शोभयात्रा पर हमला किया गया था।

इससे पहले जैसे ही जहाँगीरपुरी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करने की बात सामने आई इलाके में हड़कंप मच गया था। लोग सुबह-सुबह अपना सामान समेटते नजर आए थे। अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने से पहले पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च भी किया था। एनडीएमसी ने नॉर्थ-वेस्ट डीसीपी को पत्र लिखकर इस कार्रवाई के दौरान इलाके में 400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की माँग की थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा था कि एनडीएमसी को अतिक्रमण हटाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। हमारा फोकस कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर है। वहीं एनडीएमसी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई अन्य इलाकों में चलेगी। उनके मुताबिक प​हले भी इसके लिए सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया गया था। लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया था।

NDMC सिविल लाइंस जोन के सहायक आयुक्त ने डीसीपी को लिखे पत्र में कहा था, “आपसे 20 अप्रैल और 21 अप्रैल को (सुबह 9.30 बजे से) अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए महिला पुलिस/बाहरी बल सहित कम से कम 400 पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है।” मेयर राजा इकबाल सिंह ने इस बाबत बताया था, “जहाँगीरपुरी की सरकारी जमीन से अतिक्रण और अवैध निर्माण को उत्तरी एमसीडी द्वारा आज 20 अप्रैल को हटाया जाएगा। इलाके में किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए और हाल की हिंसा के मद्देनजर हमने पुलिस बल तैनाती की माँग की है।”

गौरतलब है कि दिल्ली के जहाँगीरपुरी इलाके में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर जो हिंसा हुई उसके बाद से स्थानीय लगातार दावा कर रहे थे कि जिस इलाके में ये सब हुआ वहाँ बांग्लादेशी मुस्लिम गुंडई करते हैं। अधिकांश लोगों ने अपने बयान में बांग्लादेशी शब्द का प्रयोग किया और बताया कि कैसे यहाँ पर अपराधों को अंजाम दिया जाता रहा है। कुछ लोगों ने तो शिकायत ये भी की थी कि वो हिंदुस्तानी होकर हिंदुस्तान में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। उनका और उनकी बहन-बेटियों का जीना मुश्किल कर दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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