Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजजिस शूटर ने मारी माफिया भाइयों को गोली, कभी था 'शेर-ए-अतीक' का हिस्सा: असद...

जिस शूटर ने मारी माफिया भाइयों को गोली, कभी था ‘शेर-ए-अतीक’ का हिस्सा: असद ने बनाया था WhatsApp ग्रुप, वीडियो डाल बनाता था अब्बा की दहशत

शूटर अरुण मौर्य एक समय पर शेर-ए-अतीक वॉट्सएप ग्रुप का मेंबर रह चुका था। ये ग्रुप माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने खुद बनाया था। इसमें युवाओं को उकसाया जाता था कि वो अतीक अहमद के लिए काम करें।

अतीक अहमद की हत्या करने के बाद गिरफ्तार हुए तीन शूटर अब पुलिस की हिरासत में कई राज उगल रहे हैं। इसी पूछताछ में उन्होंने यह भी बताया है कि उनमें से एक शूटर कभी अतीक के बेटे द्वारा बनाए गए व्हॉट्सएप ग्रुप का हिस्सा हुआ करता था। इस ग्रुप का मकसद युवाओं को अतीक का वफादार बनने की ट्रेनिंग देना, अतीक के लिए काम करने के लिए उकसाना था।

बता दें कि 15 अप्रैल की रात अतीक अहमद को प्रयागराज में तीन शूटरों ने गोली मारी थी। इन तीनों के नाम लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह हैं। पुलिस को इनसे पूछताछ में जानकारी मिली है कि अरुण मौर्या एक समय पर शेर-ए-अतीक व्हॉट्सएप ग्रुप का हिस्सा था। ये ग्रुप माफिया अतीक के बेटे असद ने खुद बनाया था।

कथिततौर पर यह ग्रुप अतीक के महिमामंडन के लिए बनाया गया था। इस ग्रुप में अतीक के वीडियो और तस्वीरें शेयर की जाती थीं ताकि माफिया का वर्चस्व कायम रह सके और लोगों को उसकी दहशत का पता चल सके। इस ग्रुप में साझा कंटेंट के कारण ही अरुण को अतीक की दहशत का मालूम चला था। कुछ समय बाद अरुण ने यह व्हॉट्सएप ग्रुप छोड़ दिया और गैंग 90 नाम के दूसरे ग्रुप से जुड़ गया। अब उससे जुड़ी जानकारी स्पेशन इन्वेस्टिगेशन टीम को लग गई है।

उल्लेखनीय है कि 15 अप्रैल 2023 को अतीक-अशरफ की हत्या के बाद अरुण मौर्या समेत तीनों हत्यारों ने सरेंडर कर दिया था। जाँच अधिकारी लगातार इनसे पूछताछ कर रहे हैं। अभी तक यही पता चला है कि ये हत्या किसी के कहने पर नहीं हुई है। तीनों अतीक को मारकर अपना खौफ पैदा करना चाहते थे। हालाँकि इन्हें ये भी डर था कि कहीं पुलिस इन्हें न मार दे इसलिए हत्या के तुरंत बाद ये लोग सरेंडर-सरेंडर चिल्लाने लगे थे और पकड़े जाने के बाद लगातार अतीक को देख रहे थे कि वो मरा या नहीं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -