भगवान श्रीराम के जलाभिषेक के लिए 155 देशों से नदियों का जल उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुँच गया। इस जल से रविवार (23 अप्रैल 2023) को भगवान राम के मंदिर परिसर और चौखट का जलाभिषेक किया गया। इस दौरान 8 देशों के राजदूत और 40 देशों के अप्रवासी भारतीय मौजूद रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इंद्रेश इस जल को लेकर अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या पहुँचे। इस दौरान स्टेशन पर उनका ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। इन देशों से जल संग्रह का काम भाजपा के पूर्व विधायक विजय जॉली ने किया। इस काम में उनका कई अप्रवासी भारतीयों ने मदद की।
रामलला के जिन देशों के जल से जलाभिषेक हुआ उनमें पाकिस्तान की सिंधु नदी, बाबर के मुल्क की नदी कश्क-ए-दरिया, इराक की टिगरिस नदी आदि शामिल हैं। समेत कई मुस्लिम देशों की नदियों का जल भेजा है। तजाकिस्तान के ताज मोहम्मद ने कई मुस्लिम देशों की नदियों का पानी भेजा।
विजय जौली ने बताया, “जलाभिषेक के लिए 155 देशों की जिन नदियों का जल कलश अयोध्या ला गया, उनमें उज्बेकिस्तान के ताशकंद की चिरचिक नदी, तजाकिस्तान की वख्श नदी, यूक्रेन की डेनिस्टर नदी, रूस की वोल्गा नदी, मॉरिशस की गंगा तालाब और हिंद महासागर का जल भी शामिल है। यह जल 31 महीनों में इकट्ठा किया गया है।”
23 अप्रैल 2023 को अयोध्या की मणिराम छावनी के सभागार में सुबह 10 बजे से कार्यक्रम की शुरू हुई। कार्यक्रम में सबसे पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। उसके बाद जल का वहीं, RSS के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश ने ‘भारत जय जगत’ का नया नारा दिया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, “इजराइल की लाइब्रेरी में पढ़ने को मिला कि राम के ईश्वर रूप का सबसे पहले अनुभव निषादराज ने किया था। अब पूरे देश में निषाद मछुआरों की सेना तैयार करके रावण राज्य खत्म करने में जुटा हूँ।”
वहीं, मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया था, तब 1000 स्थानों से जल व रज गर्भगृह को समर्पित किया गया था। उन्होंने जल कलश भेजने वालों को आभार जताया और कहा कि यह आयोजन इंटरनेशनल हिस्ट्री है।
बता दें कि भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। रामलला के गर्भगृह समेत भूतल में 167 खंभे बनकर तैयार हो गए हैं। उन पर बीम रखने का काम भी पूरा हो चुका है। अब छत की ढलाई का काम चल रहा है।