नवंबर 2022 में एक खबर आई थी कि अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के लिए जो चंदा इकट्ठा हुआ है, उसमें 40 फीसदी पैसा हिंदुओं का है। ताजा अपडेट है कि इस मस्जिद की डिजाइन बदल दी गई है। अब अरबी स्टाइल में धन्नीपुर गाँव में मस्जिद बनेगी। पैगंबर मोहम्मद और उनके अब्बा के नाम पर यह होगी। साथ ही चार खलीफाओं के नाम भी होंगे।
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि जिस जगह पर मुगल अक्रांता बाबर के नाम पर ढाँचा खड़ा कर दिया गया था, वह रामजन्मभूमि ही है। इसके बाद धन्नीपुर में मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन मुस्लिमों को मुहैया कराई गई थी। यह जगह रामजन्मभूमि से करीब 22 किलोमीटर दूर है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस मस्जिद की पहले जो डिजाइन बनाई गई थी, उसमें बदलाव की गई है। अब मध्य-पूर्व और अरब देशों की तर्ज पर यहाँ मस्जिद का निर्माण होगा। इसका फैसला 12 अक्टूबर 2022 को मुंबई में देश की सभी मस्जिदों के संगठन ऑल इंडिया राबता-ए-मस्जिद (एआईआरएम) और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की बैठक में किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मस्जिद का नाम पैंगबर मोहम्मद और उनके अब्बा के नाम पर ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला मस्जिद’ होगी। मस्जिद के पाँच दरवाजों का नाम पैगंबर मोहम्मद और उनके उत्तराधिकारी चार खलीफाओं- हजरत अबू बकर, हजरत उमर, हजरत उस्मान और हजरत अली के नाम पर रखी जाएगी। अरब देशों की मस्जिदों की तर्ज पर पाँच मीनारें और गुंबद बनाए जाएँगे।
डिजाइन में बदलाव के बाद इस मस्जिद का आकार पहले से बड़ी होगी और यह अधिक क्षेत्र में फैला होगा। इसके लिए पैसे जुटाने के लिए देश भर में अभियान भी चलाया जाएगा। कहा जा रहा है कि डिजाइन के कारण मस्जिद के लिए चंदा देने को लेकर मुस्लिम समुदाय अधिक उत्साहित नहीं था। इसकी वजह से ही डिजाइन बदला गया है और पैगंबर मोहम्मद का नाम भी इसके साथ जोड़ा गया है।
तहफ्फुज मस्जिद कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हाजी अराफात शेख के हवाले से बताया गया है कि मस्जिद के लिए पहली ईंट उनकी तरफ से अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जफर फारूकी को दी गई है। यह ईंट अब मुंबई की कई सूफी दरगाहों और अजमेर के गरीब नवाज ख्वाजा की दरगाह पर ले जाई जाएगी। इसके बाद लखनऊ होते ईंट धन्नीपुर गाँव लाई जाएगी। उनके अनुसार यह देश की सबसे बड़ी मस्जिद में से एक होगी। इसमें करीब 9 हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे। कुछ रिपोर्टों में यह संख्या करीब 5 हजार बताई गई है।
हाजी अराफात शेख के मुताबिक 6 एकड़ अतिरिक्त जमीन खरीदी जा रही है। इसके बाद मस्जिद परिसर में अस्पताल, कॉलेज, पुस्तकालय, संग्रहालय, सम्मेलन कक्ष और सूचना केंद्र वगैरह भी बनाए जाएँगे। अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष फारूकी के अनुसार जल्द ही इस मस्जिद का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए ट्रस्ट ने देश भर से चंदा जुटाने का अभियान शुरू किया है।
गौरतलब है कि नवंबर 2022 में मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया था, “अगस्त, 2020 में हमने मस्जिद निर्माण में सहयोग के लिए बैंक डिटेल जारी किए थे। अब तक हमारे पास 40 लाख रुपए का डोनेशन आ चुका है। डोनेशन का करीब 30% हिस्सा कॉर्पोरेट से आया है, 30% मुस्लिम समुदाय से आया है बाकी 40% हिस्सा हिंदू समुदाय की तरफ से आया है।”