Monday, October 14, 2024
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प्रवर्तन निदेशालय ने PFI के 33 बैंक अकाउंट्स को किया फ्रीज: मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हुई कार्रवाई

ED ने पीएफआई के दो नेताओं अब्दुल रजाक पीडियाक्कल उर्फ ​​अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ खादिर उर्फ ​​अशरफ एमके के खिलाफ 22 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अभियोजन मामला दायर किया था।

कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है। जाँच एजेंसी ने इस्लामिक संगठन के बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन अकाउंट्स को अटैच किया गया है उनमें PFI के 23 और इसके फ्रंट ऑर्गनाइजेशन RIF (रिहैब इंडिया फाउंडेशन) के 10 बैंक अकाउंट हैं। इन खातों में 68,62,081 रुपए हैं।

पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज

पिछले महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएफआई के दो नेताओं अब्दुल रजाक पीडियाक्कल उर्फ ​​अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ खादिर उर्फ ​​अशरफ एमके के खिलाफ 22 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अभियोजन मामला (एक आरोप पत्र के समान) दायर किया था। ये दोनों ही केरल स्थित पीएफआई के पदाधिकारी हैं।

चार्जशीट के मुताबिक, पीएफआई के इन नेताओं ने केरल के मुन्नार एक बिजनेस शुरू किया था, ताकि विदेशों से होने वाली फंडिंग को व्हाइट करके उनका इस्तेमाल इस्लामिक संगठन की कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम देने में किया जा सके। दावा तो यह भी किया जाता है कि दोनों पीएफआई के पदाधिकारी संगठन के कथित तौर ‘आतंकवादी समूह’ के गठन में शामिल थे।

इसमें दावा किया गया कि ये दोनों अन्य पीएफआई नेताओं और विदेशी संस्थाओं से जुड़े सदस्यों के साथ मुन्नार में एक आवासीय परियोजना – मुन्नार विला विस्टा प्रोजेक्ट (MVV) विकसित कर रहे थे। इसका केवल एक ही उद्देश्य विदेशों से एकत्र किए गए धन को सफेद करना था। ताकि देश के अंदर पीएफआई के चरमपंथ को बढ़ावा दिया जा सके।

इसी साल मार्च में मलप्पुरम में पीएफआई की पेरुम्पडप्पू इकाई के मंडल अध्यक्ष रजाक को उस वक्त पकड़ लिया गया था, जब वो कोझीकोड हवाई अड्डे से देश से भागने की फिराक में था। अशरफ एमके को पिछले महीने दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।

ईडी का दावा है कि पीएफआई के फ्रंट ऑर्गनाइजेशन रिहैब इंडिया फाउंडेशन को रजाक ने यूएई से लगभग 34 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा कथित तौर पर उसने पीएफआई की पॉलिटिकल ब्रांच सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के नेता एमके फैजी को भी 2 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे।

केंद्रीय जाँच एजेंसी के अनुसार, पीएफआई के दोनों ही मेंबर अंशद बदरुद्दीन को 3.5 लाख रुपए (अगस्त 2018 से जनवरी 2021 तक) के भुगतान मामले से भी जुड़े हुए हैं। बदरुद्दीन को पिछले साल 2021 में यूपी एटीएस ने पीएफआई मेंबर फिरोज खान के साथ पकड़ा था। इनके पास से होम मेड विस्फोटक उपकरण, एक 32-बोर की पिस्तौल और सात जिंदा गोलियाँ बरामद की गई थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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