गणतंत्र दिवस के दिन किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर भ्रामक और भड़काऊ ट्वीट करने को लेकर कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर समेत कुछ पत्रकारों पर एक और मामला दर्ज किया गया है। भोपाल के मिसरोद थाने में राष्ट्रद्रोह की धाराओं के तहत शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे सहित 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इससे पहले नोएडा में मामला दर्ज हुआ था।
भोपाल के ASP ने बताया कि किसान आंदोलन की आड़ में इन शशि थरूर पर ऐसा ट्वीट करने का आरोप है जिससे दो समुदायों के बीच में अशांति फैले। आरोपितों के खिलाफ धारा 153A (1B) और 505 (2) के तहत FIR दर्ज की गई है। मामले की जाँच की जाएगी।
Based on a complaint FIR registered against Congress MP Shashi Tharoor & others. Complaint stated that in the light of farmers’ agitation, they had posted tweets that create disharmony b/w 2 communities. FIR registered u/s 153A (1B) & 505 (2). Investigation to be done: ASP Bhopal pic.twitter.com/q791b6nyTU
— ANI (@ANI) January 29, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल के कैलाश नगर निवासी संजय रघुवंशी ने इन सभी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। संजय ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह खुद भी किसान हैं। 26 जनवरी को कॉन्ग्रेस नेता थरूर सहित कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक तथ्य प्रसारित किए। इससे शांति भंग हुई।
बताया जाता है कि ट्विटर पर शशि थरूर ने किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक ट्वीट किए थे। शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई और मृणाल पांडे के अलावा जफर आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ, विनोद के जोश और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि कल (28 जनवरी, 2021) इन्हीं धाराओं के तहत इन लोगों पर नोएडा में भी केस दर्ज हुआ है। उत्पात मचाने वाले किसान नेताओं के अलावा कुछ पत्रकारों पर भी मुकदमे दर्ज हुए थे। अफवाह फैलाने, हिंसा भड़काने के लिए कई पत्रकार पुलिस की रडार पर हैं।
ट्विटर पर एक यूजर द्वारा साझा की गई एफआईआर की कॉपी के मुताबिक, फर्जी जानकारी साझा करने वालों में कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई के अलावा कुछ लोगों के खिलाफ यूपी में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसमें नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ सम्पादकीय सलाहकार मृणाल पांडे, कौमी आवाज के जफर आगा, कारवाँ पत्रिका के मुख्य संपादक प्रकाशक परेशनाथ, कारवाँ पत्रिका के अनन्तनाथ व इसी पत्रिका के कार्यकारी संपादक विनोद और एक अज्ञात का नाम शामिल थे।
साझा किए गए फोटो के अनुसार, एफआईआर में आरोपित बनाए गए हस्तियों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153 ए, 153 बी, 295-ए, 298, 504, 506, 505 (2), 124-ए, 34, 120 बी और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत नोएडा सेक्टर 20 थाने में मामला दर्ज हुआ था।
यहाँ मालूम हो कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में कई जगह पुलिस को नकारात्मक दिखाने के लिए फर्जी जानकारी फैलाई गई थी। इस कड़ी में राजदीप पर पहले ही उनका संस्थान इंडिया टुडे समूह उन्हें दो हफ्तों के लिए ऑफ एयर कर कार्रवाई कर चुका है। इसके बाद सरदेसाई ने इस्तीफा दे दिया था।