सुदर्शन टीवी के पत्रकार मनीष कुमार सिंह का शव 10 अगस्त 2021 को बिहार के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मथलोहियार गाँव के गाछी टोला चेवार में एक गड्ढे से बरामद किया गया था। वो तीन दिन से लापता थे। इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने मनीष के अपहरण और हत्या के मामले में मोहम्मद अरसद आलम और अमरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है।
अब इस मामले में सुदर्शन न्यूज चैनल के सीईओ सुरेश चव्हाणके ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की और अपने चैनल के पत्रकार की निर्मम हत्या की जाँच की माँग को लेकर एक पत्र सौंपा। चव्हाणके ने चिट्ठी को ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार के मधुबनी के पत्रकार मनीष कुमार की हत्या सुदर्शन चैनल के काम से खुन्नस खाए बैठे जिहादियों ने की है।
सुदर्शन के पत्रकार की हत्या की जांच की मांग के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय जी से मिल कर पत्र दिया. उन्होंने तत्काल गहन जांच का वचन दिया है.
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 13, 2021
सुदर्शन का कार्य करने से खुन्दक खाए जिहादियों ने मधुबनी, बिहार के पत्रकार मनीष कुमार की हत्या की है. #JusticeForManish pic.twitter.com/Vpx6c1eKTW
पत्र में कहा गया है कि सुदर्शन न्यूज चैनल के पत्रकार मनीष सिंह अपनी निडर पत्रकारिता के कारण हमेशा भ्रष्ट और जिहादी मानसिकता वाले लोगों के निशाने पर थे। पत्र के अनुसार 7 अगस्त को मनीष सिंह के लापता होने की खबर मिली। इसके बाद जब उनके पिता ने पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ने उदासीन रवैया दिखाते हुए कहा कि वो किसी लड़की के साथ गया होगा, खुद ही वापस आ जाएगा।
सुरेश चव्हाणके ने आरोप लगाया है कि मृतक मनीष के पिताजी ने बताया है कि जिन अपराधियों को पुलिस ने जल्दबाजी में गिरफ्तार किया है, उनके जरिए मनीष की हत्या को व्हाइटवॉश करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पुलिस पर हत्या के पीछे के असली मकसद को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
मनीष के पिता का कहना है कि मनीष एक स्टोरी पर काम कर रहे थे और वही उनकी हत्या का कारण हो सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस इसकी जाँच करने के लिए इच्छुक नहीं है और बिना उचित जाँच के मामले को जल्दबाजी में बंद कर रही है।
सुरेश चव्हाणके ने कहा है कि मनीष बिहार में मोतिहारी और अरेराज जैसी जगहों पर तीन बड़ी आतंकवादी घटनाओं के लिंक को खंगाल रहे थे। जिन तीन बड़ी आतंकी घटनाओं की जाँच मनीष कर रहे थे, उसमें बाँका मस्जिद विस्फोट, दरभंगा पार्सल विस्फोट और सीवान विस्फोट शामिल है। उनका कहना है कि मनीष के पिता के अखबार में काम करने वाले स्थानीय पत्रकार अफजल आलम को मनीष की जाँच के बारे में पता चल गया था और वो उनसे लगातार इसके बारे में सवाल पूछता था। मनीष के पिता का आरोप है कि जब से पता चला कि मनीश सुदर्शन न्यूज में शामिल हुआ है, उनके दुश्मन कई गुना बढ़ गए थे। उनकी हत्या में जिहादी तत्व शामिल हैं।
चव्हाणके ने पत्र के अंत में कहा है कि मनीष के पिता के मुताबिक उनकी (मनीष) हत्या करने वाले जिहादी तत्व देश भर में सुदर्शन न्यूज के पत्रकारों के लिए भी खतरा बड़ा हैं। सुरेश चव्हाणके ने मनीष की हत्या की निष्पक्ष जाँच की माँग की है।
सुदर्शन न्यूज के पत्रकार मनीष सिंह की हत्या
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 अगस्त 2021 को मनीष हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मठ लाहौरिया गाँव में एक समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकले थे, लेकिन उसके बाद से ही उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा था। बाद में उनकी बाइक हरसिद्धि गाँव में मिली थी। मनीष को लगातार जान से मारने की धमकियाँ मिल रही थीं और उनका जमीन का विवाद भी चल रहा था। विवाद को लेकर संजय सिंह ने 25 जुलाई को स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
मनीष के लापता होने के बाद, उसके पिता ने हरसिद्धि पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने दो पत्रकारों समेत 12 लोगों का नाम लिया था। ये दो पत्रकार मोहम्मद अरसद आलम और अमरेंद्र सिंह हैं।
मामले की जाँच के दौरान पुलिस को स्थानीय लोगों ने एक शव मिलने की सूचना दी। मौके पर पहुँची पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए संजय सिंह को बुलाया। शव फूला हुआ औऱ क्षत-विक्षत था। हालाँकि, संजय सिंह ने जूते से मनीष की पहचान की। रिपोर्ट्स के अनुसार हत्यारों ने मनीष को बहुत टॉर्चर किया था, उनकी आँखें निकाल ली गई थीं और उसके चेहरे पर चोट के निशान थे।